श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में कला प्रदर्शनी (Art Exhibition) का आयोजन - Mukhyadhara

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में कला प्रदर्शनी (Art Exhibition) का आयोजन

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श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में कला प्रदर्शनी (Art Exhibition) का आयोजन

मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन प्रोफ़ेसर डॉ. गीता रावत की पुस्तक का विमोचन

देहरादून/मुख्यधारा

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के पथरी बाग परिसर में कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। आधुनिक भारतीय चित्रकला की थीम पर आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर यशवीर दीवान ने किया।

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इस अवसर पर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन प्रो. (डॉ.) गीता रावत की पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने आयोजकों को शुभकामनाएं प्रेषित की। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर यशवीर दीवान ने छात्रों को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

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इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूरी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ अपनी रचनात्मकता को भी प्रदर्शित करना चाहिए, इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के तहत आयोजित ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने से छात्रों को अपने भीतर छुपी हुई प्रतिभा को निखारने का बेहतर अवसर मिलता है।

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ड्राइंग एंड पेंटिंग विभाग द्वारा आयोजित कला प्रदर्शनी में प्रतिभाशाली छात्रों के असाधारण काम को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में मॉडर्न इंडियन पेंटिंग, रेजिन आर्ट की थीम पर बनी विभिन्न पेंटिंग्स सभी के आकर्षण का केंद्र रहीं। आधुनिक भारतीय चित्रकला की थीम पर आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी का संयोजन ड्राइंग एंड पेंटिंग विभाग की समन्वयक  स्निग्धा भट्ट ने किया।

इस अवसर पर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन एवं भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर गीता रावत की पुस्तक ‘एक्सप्लोरिंग द रूफ आफ द वर्ल्ड , नैन सिंह रावत एंड द एक्सप्लोरेशन आफ द हिमालयन‌ रिजन’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

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उन्होंने अपनी पुस्तक के बारे में बताया कि आज से लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व जब दूरी नापने के आधुनिक यंत्र मौजूद नहीं थे, उस समय पंडित नैन सिंह रावत ने मापने का अपना ही एक तरीका खोजा। उन्होंने अंग्रेजों के साथ भारतीय सीमाओं का सर्वे का कार्य किया। उन्होंने नेपाल से होते हुए तिब्बत तक के व्यापारिक मार्ग का मानचित्रण भी किया और अपने जीवन का अधिकतर समय खोज और मानचित्र तैयार करने में बिताया।

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नैन सिंह रावत को उनके इन अद्भुत कार्यों के लिए देश और विदेश में कई पुरस्कार भी मिले जो की भूगोल के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
वहीं पुस्तक के सह लेखक भूगोल विभाग के शिक्षक शार्दुल सेमवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने भारतीय सर्वेक्षण विभाग और रॉयल ज्योग्राफिकल समिति लंदन से आंकड़े जुटाए।

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राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपने विचार रखते हुए मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुनील किश्टवाल ने उत्तराखंड में चलाई जाने वाली वर्तमान योजनाओं पर प्रकाश डाला।

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इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति, सलाहकार रिटायर्ड मेजर जनरल राम, डीन एकेडमिक प्रोफेसर कुमुद सकलानी, आईक्यूएसी निदेशक प्रोफेसर सुमन विज, मुख्य परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर संजय शर्मा, डीन रिसर्च प्रोफेसर लोकेश गंभीर सहित विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण समेत सैकड़ो छात्र मौजूद रहे।

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