मुख्यधारा
भद्रीगाड रेंज के अंतर्गत “वन महोत्सव 2022” की नींव जिला पंचायत सदस्य अमेंद्र सिंह बिष्ट(Amendra Bisht) के द्वारा पत्थरखोल में वृक्षारोपण करके किया गया।
इस अवसर पर अमेंद्र सिंह बिष्ट (Amendra Bisht) बताते हैं कि वन महोत्सव 1 जुलाई से 7 जुलाई तक मनाया जाता है। पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने लिए हर वर्ष 1 जुलाई को वन महोत्सव मनाया जाता है। यह महोत्सव एक सप्ताह तक चलता है। इसी लिए इसे वन महोत्सव सप्ताह दिवस भी कहा जाता है। इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को होती है कि पौधारोपण के लिए सही जलवायु और स्वस्थ मृदा की आवश्यकता होती है। इसीलिए सही पौधा और सही स्थान का चयन करना महत्वपूर्ण है।
इस महोत्सव से पूरी धरती पर हरियाली आती है। साथ ही इसी के बाद 16 जुलाई से उत्तराखंड में हरेला का पर्व भी मनाया जाता है।
वन क्षेत्राधिकारी मेधावी कीर्ति ने बताया कि वन महोत्सव की शुरुआत साल 1950 में देश के कृषि मंत्री डा. कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी द्वारा की गई थी। वन महोत्सव हर साल जुलाई महीने में प्रथम सप्ताह के दौरान मनाया जाता है। इस दिन देश के सभी विद्यालयों, विश्वविद्यालयों, सरकारी दफ्तरों, संगठनों और संस्थाओं द्वारा पूरे देश में पौधे लगाने के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अपनी प्यारी धरती मां को समर्पित यह जुलाई का प्रथम सप्ताह हमें सीख देता है कि जैसे नन्हें नन्हें पौधे कल बड़े वृक्ष बनते हैं, वैसे ही हमारे छोटे छोटे कदम बड़े परिणाम लाते हैं।
वन महोत्सव और हरेला महोत्सव के अंतर्गत भद्रीगाड़ रेंज में 5000 फलदार पौधों का वितरण गांवों, सरकारी दफ्तर, कॉलेज और स्कूलों में किया जाएगा।
इस मौके पर ऐंडी गांव से सूपा जी, नरेश, सुंदर सिंह पंवार, सुरेश चंद, अनीशा पंवार, राजमोहन नौटियाल, सोबत सिंह इत्यादि मौजूद रहे।
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