विकास सनवाल/चमोली
भगवान बदरी विशाल के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त में तड़के 4:30 बजे विधि विधान व पूजा अर्चना के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। इस पावन अवसर पर केवल 11 लोगों को ही मौजूद रहने का सौभाग्य मिल सका।
आज प्रात: 4:30 बजे कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुक्रवार कुंभ राशि मेष लग्न के धनिष्ठा नक्षत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुख्य पुजारी रावल समेत मात्र 11 लोगों की मौजूदगी में भगवान बदरी विशाल के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। हालांकि आम श्रद्धालुओं को धाम के दर्शनों के लिए अभी कुछ समय का और इंतजार करना पड़ेगा।
पहले धाम के कपाट उद्घाटन अवसर पर शामिल होने के लिए 28 लोगों को पास जारी किए गए थे, लेकिन बाद में 11 लोगों को ही गर्भ गृह व परिसर में शामिल होने का पास मिल पाया। इसी के साथ सादगीपूर्ण तरीके से धाम के कपाट खुल गए हैं।
बदरीनाथ धाम को पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से 10 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया था। इस दौरान धाम के विभिन्न जगहों को सैनिटाइज भी किया गया, जिससे कोई चूक न हो।
शायद यह पहला अवसर होगा, जब भगवान बदरी विशाल के पावन कपाट खुलने के दौरान भक्तों का हुजूम नहीं उमड़ा। कारण साफ था कि वैश्विक महामारी कोरोना से खौफ के चलते धाम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कपाट खोले गए और अभी आम श्रद्धालुओं को मंदिर दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है।
इसके अलावा इस बार यह भी पहला अवसर रहा, जब बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की नियत तिथि 30 अप्रैल के दिन को स्थगित करते हुए 15 दिनों बाद आज 15 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने पर सभी को शुभकामनाएं दी हैं।
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