मुख्यधारा/देहरादून
हमेशा मीडिया की सुर्खियां बटोरने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत (harish rawat) आजकल फिर चर्चाओं में हैं। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद उनके घर पर लगातार भाजपा नेता पहुंच रहे हैं। इसे सियासी गलियारों में नई हलचल शुरू हुई हैं। इसी को लेकर हरीश रावत ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि अब बुढापा आ गया सरकार… उनकी तरफ से इस उम्र में पार्टी छोडऩे का तो सवाल ही नहीं उठता।
हरीश रावत (harish rawat) मौजूदा विधानसभा चुनाव में लालकुआं सीट पर हार गए थे। जिसके बाद वे लगातार सोशल मीडिया में खासे सक्रिय हैं और हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं। यहां तक तो ठीक है, किंतु जब भाजपा विधायक व नेता उनसे मिलने सीधे उनके घर पहुंच रहे हैं तो सियासी फिजां में सवाल तैरने भी स्वाभाविक हैं।
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हरीश रावत (harish rawat) से उनके घर मुलाकात करने वालों में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत व नैनीताल विधायक सरिता आर्य समेत कई भाजपा नेता शामिल थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की तारीफ करने वाले हरीश रावत (harish rawat) कहते हैं कि जो अच्छा काम करेगा, उसकी तारीफ भी जरूर की जानी चाहिए। धामी ने पति-पत्नी दोनों को पेंशन देने वाला फैसला सराहनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अच्छा सीएम हो सकते थे, लेकिन उनके कुछ फैसले गलत थे। जैसे पति-पत्नी में एक ही पेंशन वाला। भाजपा नेताओं को उनसे मुलाकात के लिए उनके घर पहुंचने पर कहते हैं कि वे एक घायल योद्धा हैं और महाभारत में भी घायल योद्धाओं को मिलने विपक्षी उनका हाल जानने पहुंचते थे। उनके साथ भी यही हो रहा है। इसे अनावश्यक नहीं लिया जाना चाहिए।
हालांकि जब हरदा (harish rawat) करीब नौ साल बाद भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के घर पहुंचे तो आमजन के बीच तरह-तरह के सवाल तैरने लगे और वे अगले दिन अखबारों में छाए रहे। जब उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि वे तो महाराज के घर दवा लेने गए थे, तो यह बात भी एक तरह से अनसुलझी ही लगी। इसको लेकर राजनैतिक विश्लेषकों का कटाक्ष था कि हरीश रावत ने स्वास्थ्य या फिर राजनैतिक में से कौन सी दवा ली होगी, कहा नहीं जा सकता!
दवा लेने के लिए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के घर पहुंचे हरीश रावत
- मैं कोरोना संक्रमण के बाद समय-समय पर इनफेक्शंस का शिकार हो जा रहा हूं, कोई न कोई इंफेक्शन मुझे रूग्ण कर दे रहा है। श्री Satpal Maharaj जी के पास इस तरीके की रुग्णता के इलाज की कई जानकारियां हैं। वो एक राजनीतिज्ञ या धर्म पुरुष ही नहीं है, बल्कि आयुर्वेद से लेकर खान-पान, नेचुरोपैथी आदि में भी उनका जबरदस्त दखल है, मुझे इसकी जानकारी है तो मैं एक विवाह समारोह में उनसे मिला था, वहां थोड़ी बात हमारी हुई थी। मधुमक्खियां कुछ ऐसा शहद तैयार करती हैं, जिससे इंफेक्शन आदि कई बीमारियों का इलाज निकलता है तो उस संदर्भ में बातचीत करने के लिए श्री सतपाल महाराज जी के दर्शनार्थ गया था, बहुत उपयोगी बातचीत हुई। बल्कि कैसे मधुमक्खी पालन को हम अपने पर्यटन का आधार बना सकते हैं जिसमें पद्म के वृक्षों से लेकर के मैदानी क्षेत्रों में जामुन और पर्वतीय क्षेत्रों के अंदर अलग-अलग प्रकार के पुष्पों के आधारित शहद आदि सब पर बातचीत हुई। शहद में मेरी भी दिलचस्पी रही है क्योंकि मधुमक्खी पालन पर मैंने काफी अध्ययन किया है, क्योंकि ये रोजी रोटी के लिए हमारे जैसे राज्य के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है तो उस पर हमारी बड़ी गहरी बातचीत हुई और साथ-साथ चटनी में महाराज की दिलचस्पी और जानकारियां, मैं जानता हूं खान-पान के वह विशेषज्ञ हैं मगर चटनी शास्त्र में भी उनका इतना गहरा दखल है, यह पहली बार मुझको जानने को मिला। खैर कभी जीवन में उनसे चटनी शास्त्र का जो ज्ञान लिया है, विशेष तौर पर मेथी का अचार कैसे बनाया जा सकता है या मेथी की चटनी कैसे बनाई जा सकती है इसका मैं उपयोग कर लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा।
सतपाल जी आपके द्वारा दिए गए ज्ञान के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और आप सब दोस्तों को भी आपकी उत्सुकता के लिए बहुत धन्यवाद।
#uttarakhand
कुल मिलाकर सियासत में ये सब चलता है। हरीश रावत की इन मुलाकातों से पार्टी हाईकमान के लिए संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है कि भले ही पार्टी में उनकी सुनी जानी अब पहले से कम हो गई हो, किंतु उनका कद इतना बड़ा है कि विपक्ष के नेता भी उनके घर मिलने पहुंचते हैं।
जाहिर है कि ये मुलाकातें कैरमबोर्ड की गोटियों से कम नहीं आंकी जा सकती। फिलहाल वह अच्छे समय का इंतजार कर रहे हैं। आने वाले दिनों यदि आपको लालकुआं क्षेत्र में हरदा की कोई आम-भुट्टा या ककड़ी पार्टी का बड़ा आयोजन दिखाई दे तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बहरहाल, हरदा की नई रणनीति को लेकर सभी को इंतजार रहेगा।
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…तो इस सीट से लड़ेंगे सीएम धामी(cm dhami) उपचुनाव!