धुमाकोट/ मुख्यधारा
धुमाकोट क्षेत्र के अंतर्गत बीरोंखाल और रिखणीखाल के बीच मंगलवार शाम को बारातियों को लेकर जा रही बस के दुर्घटनाग्रस्त (Bus accident) होने के उपरांत एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, राजस्व विभाग और अन्य विभागों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम से रातभर बचाव और खोजबीन अभियान चलता रहा। इस दौरान जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मौके पर तैनात होकर खोजबीन और बचाव अभियान की लगातार निगरानी की गई।
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राहत एवं बचाव कार्य के लिए आसपास के जनपदों से भी सहायता के लिए संपर्क साधा गया। इस दौरान मौके पर लैंसडाउन, श्रीनगर, पौड़ी और अल्मोड़ा sdm भी मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
NDRF और फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर तैनात है। अत्यंत गंभीर रूप से घायल लोगों को एअरलिफ्ट करने के लिए मौके पर चौपर भी तैनात है। जिलाधिकारी ऑपरेशन रेस्क्यू पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं।
रेस्क्यू जारी : उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बस खाई में गिरने से 25 लोगों की मौत, 21 घायल
बता दें कि मंगलवार शाम उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बारातियों से भरी एक बस गहरी खाई(Bus accident) में गिर गई थी। यह बस लालढांग से काड़ा तल्ला जा रही थी। तभी रास्ते में बीरोखाल के सीमडी बैंड के पास अनियंत्रित होकर नयार नदी खाई में जा गिरी। स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पहुंची, किंतु रात्रि में घना अंधेरा होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
रेस्क्यू टीम ने अभी तक 25 लोगों के शवों को नदी के किनारे व खाई से निकाला है। इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। इसके अलावा 21 लोग घायल हैं। बस में करीब 50 बाराती सवार थे। अंधेरा होने के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही है। अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। गंभीर रूप से घायल 10 बारातियों को पास के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम में पहुंचे और अधिकारियों से घटना से बारे में जानकारी ली। इस हादसे में हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
ग्रामीण और प्रशासन खाई में लोगों को तलाशने का काम कर रहें है। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि ‘दुर्घटनास्थल पर राज्य आपदा मोचन बल एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। हम सभी सुविधाएं दुर्घटनास्थल तक पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बचाव अभियान में स्थानीय ग्रामीण भी मदद कर रहे हैं।
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