- लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए मंत्री ने उठाया बड़ा कदम, हरिद्वार हर की पैड़ी से निकालेंगी कांवड़ यात्रा
- हरिद्वार हर की पैड़ी से गंगाजल भरकर ऋषिकेश स्थित पौराणिक वीरभद्र महादेव मंदिर में करेंगी जलाभिषेक
- 25 किलोमीटर की होगी पैदल यात्रा, दिया जाएगा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश
- लैंगिक असमानता की रूढ़िवादिता सोच को है तोड़ना-रेखा आर्या
- भ्रूण का परीक्षण करने वाले अस्पताल/पैथोलॉजी/नर्सिंग होम पर कसा जाएगा शिकंजा, जानकारी देने वाले का नाम नही किया जाएगा सार्वजनिक : Rekha Arya
देहरादून/मुख्यधारा
आज देहरादून स्थित विधानसभा भवन में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या (Rekha Arya) ने एक महत्वपूर्ण विषय पर पत्रकार वार्ता आहूत की। मंत्री ने सावन के इस पवित्र माह में एक संकल्प लिया है। यह संकल्प मंत्री ने बेटियों के प्रति समाज मे फैली रूढ़िवादी सोच को तोड़ने और उन्हें जागरूक करने के उद्देश्य से लिया है।
मंत्री का संकल्प है कि “मुझे भी जन्म लेने दो, शिव के माह में शक्ति का संकल्प”
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या (Rekha Arya) ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं का देश की उन्नति में 20 वीं सदी से ही एक बड़ा योगदान रहा है जो 21वी सदी में भी बढ़ता जा रहा है. आज प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं के योगदान का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। महिलाएं केवल घर की ही शान नहीं होती, बल्कि देश की शान होती है, जो लगातार अपने आप को सिद्ध करती जा रही हैं। चाहे वो खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, औद्योगिक, सामाजिक, राजनैतिक, सेवा सहित कोई भी क्षेत्र हो।
मंत्री (Rekha Arya) ने कहा कि मैं कह सकती हूॅ कि 21 वी सदी में महिलाओं के प्रति समाज का दृष्टिकोण भी बदल रहा है, फिर भी मुझे लगता है कि हम 21वीं सदी में पहुंचे तो जरूर हैं, लेकिन आज भी हमारे समाज में लड़कियों के प्रति नजरिया नही बदला है और वह है लड़के व लड़की को एक समान नजर से देखना, लड़कियों को सही सम्मान देना ।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या(Rekha Arya) ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्सव उन्नत भारत के 75 साल और इसकी संस्कृति, लोगों और उपलब्धियों के शानदार इतिहास का सम्मान और जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की एक अनूठी पहल है। यह आजादी का अमृत महोत्सव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधिकारिक तौर पर 12 मार्च 2021 को शुरू किया था। यह महोत्सव उन भारतीय लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकास यात्रा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जो प्रधानमंत्री मोदी के एक भारत श्रेष्ट भारत के सपने को पूरा करने की क्षमता रखते हैं।
देवी की भूमि में न हो देवियों का अपमान
मंत्री ने कहा कि मैं आप सबसे यह भी कहना चाहूंगी कि उत्तराखंड को देवभूमि कहते हैं, यहां के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। हमारे यहां जीवनदायिनी मॉं गंगा-यमुना, चंपावत में चम्पावती व दुर्गा मंदिर, हरिद्वार में चण्डी देवी व मनसा देवी मंदिर, टिहरी गढवाल में चन्द्रबदनी व कुजांपुरी देवी मंदिर सहित अनेकों देवियों के पौराणिक मंदिर हैं, जिनकी अपनी मान्यताएं हैं, जिनकी ख्याती देश -विदेश में है, लेकिन यह सुनकर व जानकर बड़ा आश्चर्य होता है कि हम सब इन देवियों को तो पूजते हैं, लेकिन जब हमारे घरों में इन्हीं देवियों का जन्म होता है तो फिर क्यों हम मुंह फेर लेते हैं।
(Rekha Arya) ने साथ ही एक गंभीर विषय पर बात करते हुए कहा कि लिंगानुपात के मामले उत्तराखंड की स्थिति पूर्व में कुछ खास उभरकर सामने नहीं आई थी, लेकिन वर्तमान में प्रदेश में 1000 बालकों की तुलना में महज 949 बालिकाएं ही हैं, जबकि लिंगानुपात के मामले में राष्ट्रीय औसत 899 का है। यह एक बेहद ही चिंताजनक विषय है कि आखिर 21वीं सदी में होते हुए और देवभूमि में रहते हुए भी हमारे प्रदेश में बालिकाओं का लिंगानुपात क्यों इतना कम है।
राज्य की रजत जयंती पर लैंगिक असमानता को करेंगे खत्म
(Rekha Arya) ने कहा कि मुझे लगता है कि अभी भी हमारे समाज में बालिकाओं के प्रति रूढिवादी सोच बिल्कुल भी नहीं बदली है, जिसे की बदले जाने की सख्त जरूरत है। ऐसे में मेरे द्वारा इस और एक कदम बढाया जा रहा है। मैं चाहती हूॅ कि जब 2025 में हम रजत जंयती मना रहे हों, तब हम इस लैंगिक असमानता को खत्म कर सकें। यह लैंगिक असमानता हमारी रूढिवादी सोच, बच्चियों को गर्भ में ही मार देना, लड़को व लड़कियों में भेदभाव के कारण ही उत्पन्न हुआ है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि 2025 में जब हम प्रदेश की रजत जंयती मना रहे होंगे, तब यह आकड़ा 1000 बालकों पर 1000 बालिकाओं का होगा।
मंत्री ने कहा कि हमारे समाज में बेटियों को गर्भ में मार देने जैसी सोच है, हमें इस संकल्प के जरिये इसी सोच को खत्म करना है कि चाहे बेटी हो, लेकिन वह भी बेटों के बराबर का हकदार हैं।
26 जुलाई को निकलेगी कांवड़ यात्रा
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या(Rekha Arya) ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और लैंगिक असमानता को खत्म करने को लेकर एक संकल्प लिया है कि सावन के इस पवित्र महिने में एक संदेश उन माता-पिता और समाज को दिया जाए जो लडकियों को लेकर इस तरह की सोच रखते हैं। आने वाली 26 जुलाई की तारीख को मंत्री ने हरिद्वार हरकी पैडी से कांवड़ में जल भर कर ऋषिकेश स्थित पौराणिक वीरभद्र मंदिर में जलाभिषेक करने का निर्णय लिया है, जो कि लगभग 25 किमी. की पैदल यात्रा होगी।
मंत्री ने साथ ही बताया कि हरकी पैड़ी पहुंचने का समय सुबह 6 बजे होगा, गंगा पूजा और महात्माओं के शंखनाद के साथ हरकी पैड़ी पर गुरुजी हरि गिरी जी महाराज, अवधेशानंद जी, राज राजेश्वरानंद जी, रामदेव जी, कैलाशानंद जी एवं जिले के संगठन, विधायक तथा सम्पूर्ण जूना अखाड़ा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती उपस्थित रहेगें।
मंत्री के साथ प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आंगनबाड़ी बहनें, खेल विभाग की छात्रांए रहेंगी। वहीं यात्रा का समापन लगभग 3 से 3:30 बजे शायं ऋषिकेश स्थित वीरभद्र मंदिर में किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, चिदानंद सरस्वती महाराज जी, संगठन व विधायकगण मौजूद रहेंगे।
आंगनबाड़ी कार्यकर्तियां और विभागीय अधिकारीगण भी अपने- नजदीकी शिवालयों में करेंगे जलाभिषेक
मंत्री रेखा आर्या(Rekha Arya) ने अपने संकल्प को लेकर कहा कि मेरे द्वारा सभी आंगनबाड़ी बहनों और विभागीय अधिकारीगणों/कर्मचारियों को भी पत्र जारी करते हुए ये स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह भी इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग करें। मेरे द्वारा सभी को यह कहा गया है कि सभी आंगनबाड़ी बहनें व विभागीय अधिकारी/कर्मचारी अपने-अपने नजदीकी शिवालयों में जलाभिषेक करें और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के इस संकल्प को पूरा करें।
भ्रूण का परीक्षण करने वाले अस्पताल/पैथोलॉजी/नर्सिंग होम पर कसा जाएगा शिकंजा
(Rekha Arya) ने कहा कि बेटियों को गृभ में ही मार देना या फिर भ्रूण का परीक्षण कराना एक दंडनीय अपराध है, लेकिन फिर भी यह देखने मे आया है कि इस तरह के कृत्य अभी भी चोरी छिपे कुछ पैथोलॉजी/नर्सिंग होम/अस्पताल करते हैं। मंत्री ने ये स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति इस प्रकार के कृत्य करने वालों की सूचना विभाग को टोल फ्री नंबर 181 पर देंगे, उनकी गोपनीयता को छुपाया जाएगा और ऐसे काम करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। साथ ही सूचना देने वालों को पारितोषिक दिया जाएगा।
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