पार्क में नए मेहमान: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीता सियाया ने चार शावकों को दिया जन्म, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के लोगों को दी बधाई
मुख्यधारा डेस्क
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बुधवार को एक मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है। बता दें कि मादा चीता और चारों नन्हे मेहमान बिल्कुल स्वस्थ हैं।भारत की धरती पर यह चार शावकों का जन्म वाइल्ड लाइफ प्रेमियों के लिए और सरकार के इस प्रोजेक्ट की बहुत बड़ी खुशखबरी है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी आपकी प्रेरणा और सफल प्रयासों से चीता की सुखद वापसी भारत में हुई है। मध्यप्रदेश चीता स्टेट बना है।
आज कूनो नेशनल पार्क में चीता परिवार में चार नये शावकों के आगमन से हम समस्त मध्यप्रदेशवासी हर्षित एवं आनंदित हैं। 🐆🐆🐆🐆 pic.twitter.com/8eJL3TskXs
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) March 29, 2023
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के लोगों को भी चार शावकों के जन्म पर बधाई दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर सीएम शिवराज ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपकी प्रेरणा और सफल प्रयासों से चीता की सुखद वापसी भारत में हुई है।
मध्यप्रदेश चीता स्टेट बना है। आज कूनो नेशनल पार्क में चीता परिवार में चार नये शावकों के आगमन से हम समस्त मध्यप्रदेशवासी हर्षित एवं आनंदित है। यह हमारे लिए अत्यंत आनंददायी है कि कूनो में चीता परिवार बढ़ रहा है। वन विभाग, कूनो नेशनल पार्क, स्थानीय प्रशासन के सफल प्रबंधन से सुखद परिणाम मिले हैं। मैं वन विभाग की पूरी टीम को बधाई देता हूं, जिनकी देख रेख में भारत में चीता प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।
बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए चीतों को रिलीज करने अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कूनो आए थे और इसका एक भव्य समारोह भी हुआ था। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा है कि अमृत काल के दौरान हमारे वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना! उन्होंने आगे लिखा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए चीतों में से एक के चार शावकों का जन्म हुआ है।
70 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पिछले साल भारत में चीतों की वापसी हुई थी। देश में अंतिम चीते की मृत्यु 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में हुई थी। इस प्रजाति को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
नामीबिया से आई फीमेल चीता साशा सोमवार 27 मार्च को कूनो नेशनल पार्क स्थित अपने बाड़े में मृत मिली थी। उसकी किडनी खराब थी और उसका इलाज चल रहा था।
बीते साल 17 सितंबर को आठ चीते नामिबिया से लाकर कूनो में छोड़े गए थे, वहीं, दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को 12 चीतों का दूसरा जत्था भारत लाया गया था। इन 12 चीतों में सात नर और पांच मादा शामिल थीं। सभी चीतों को मिलाकर वर्तमान में कूनो में चीतों की संख्या 23 हो गई है।