मुख्यधारा/यमकेश्वर
यमकेश्वर की राजनीति में स्थानीय मुद्दों, जन सरोकारों एवं भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी के खिलाफ जनता की आवाज को बुलंद करने वाले पूर्व सैनिक एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस को समर्थन दे दिया है। सुदेश भट्ट सैनिक प्रकोष्ठ आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रहे हैं। वे प्रदेश में यमकेश्वर के मांझी नाम से विख्यात हैं।
यमकेश्वर की धरती पर सुदेश भट्ट किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनका क्षेत्र में बड़ा जनाधार है। उन्हें युवाओं का साथी कहा जाता है तो आम जन के बीच वे खासे लोकप्रिय भी हैं। सुदेश भट्ट पिछले काफी समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे। वे यमकेश्वर सीट पर टिकट के प्रबल दावेदार थे, किंतु उन्हें पार्टी ने नजरअंदाज करते हुए यहां पैराशूट प्रत्याशी मैदान में उतार दिया। जिससे सुदेश भट्ट और उनकी पूरी टीम ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
इसी कड़ी में आज यमकेश्वर में गठित आम आदमी पार्टी विधानसभा कार्यकारणी की पूरी टीम के साथ सुदेश भट्ट ने कांग्रेस को अपना पूर्ण समर्थन दे दिया है। इससे कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह रावत की स्थिति काफी मजबूत हुई है।
सुदेश भट्ट मुख्यधारा को बताते हैं कि उनकी पूरी टीम ने दिन रात कड़ी मेहनत कर यमकेश्वर में आम आदमी पार्टी को स्थापित किया व राजनीतिक दलों को टक्कर दी। उनके साथ क्षेत्र के युवा, मातृ शक्ति, पंचायतों के वर्तमान व पूर्व प्रतिनिधि पूर्व सैनिक सभी ने मिलकर विधानसभा के 171 बूथों तक अपनी मजबूत टीम तैयार की, किंतु जब टिकट वितरण का समय आया तो जहां एक ओर यमकेश्वर की मूल भावनाओं को छला गया और कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर एक गुमनाम चेहरा, जो पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं था, जिसका क्षेत्र में कोई जनाधार नहीं था, जिलाध्यक्ष कोटद्वार राजेंद्र जजेड़ी व सह प्रभारी राजीव चौधरी की भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलीभगत से भाजपा खेमे को मजबूत करने के इरादे से वह चेहरा मैदान में उतार दिया गया। इससे जाहिर है कि आम आदमी पार्टी यहां पर चुनाव लडऩे की मंशा से नहीं उतरी, क्योंकि जिस चेहरे को यमकेश्वर से मैदान में उतारने की बात चल रही थी, वह यमकेश्वर के स्थानीय व जमीन से जुड़े मजबूत जनाधार वाले चेहरे थे, जिससे भाजपा को बडा नुकसान हो सकता था।
सुदेश भट्ट आरोप लगाते हुए कहते हैं कि उन्हें सिंबल लेने के लिये पार्टी कार्यालय तक बुलाया गया, लेकिन ऐन वक्त पर जिस तरह की रणनीति सह प्रभारी राजीव चौधरी द्वारा तैयार कर यूटर्न ले लिया गया व जिताऊ प्रत्याशी को दरकिनार कर गुमनाम चेहरे को प्रत्याशी घोषित किया गया। इससे खफा समस्त विधानसभा आम आदमी पार्टी यमकेश्वर ने तत्काल सामुहिक त्याग पत्र सौंपा।
अब पूरे दमखम के साथ आज कांग्रेस को मजबूत करने व विपक्ष के मंसुबों पर पानी फेरने के लिये 171 बूथों सहित समस्त विधानसभा, ब्लाक, न्याय पंचायत स्तर के समस्त पदाधिकारियों के साथ कांग्रेस को समर्थन देकर कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र रावत के पक्ष मे अपने समर्थकों से वोट डालने की अपील की।
संगठन मंत्री प्रमोद चौहान ने बताया कि अब आम आदमी प्रत्याशी अविरल बिष्ट पार्टी के सिंबल पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में नजर आयेंगे, वहीं विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र नेगी एवं युवा मोर्चा विधानसभा अध्यक्ष सोम द्विवेदी, ब्लाक अध्यक्ष यमकेश्वर आशीष अमोली, सूरज पाल रावत, रूपेश नेगी, महिला प्रकोष्ठ से रूपाली नेगी, अनुसूचित मोर्चा विधानसभा अध्यक्ष जितेंद्र आर्या एवं अल्पसंख्यक समुदाय अध्यक्ष पूर्व सैनिक जमीर हसन, बेद मारवाडी ब्लाक अध्यक्ष यमकेश्वर सहित पूरी विधानसभा आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र रावत को समर्थन देते हुए पूरी पार्टी कांग्रेस में विलय हो गई, जिससे अब कांग्रेस पार्टी मजबूत स्थिति में आ गई है।
बताते चलें कि जब कोरोनाकाल शुरू हुआ तो सुदेश भट्ट ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कुदाल, बेलचा, फावड़ा, सब्बल उठाकर श्रमदान से अपने गांव तक सड़क पहुंचाने में सफलता हासिल की थी। इस सड़क के लिए ग्रामीण वर्षों से मांग कर रहे थे। सुदेश से प्रेरणा लेकर तब प्रदेश के कई स्थानों पर ग्रामीणों ने श्रमदान से सड़कें बनाई। इसी दौरान सुदेश भट्ट को यमकेश्वर का मांझी की उपाधि हासिल हुई।
कांग्रेस को सुदेश भट्ट का साथ मिलने से पहले कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार और द्वारीखाल प्रमुख महेंद्र राणा का साथ शैलेंद्र रावत को पहले ही मिल चुका है। ऐसे में बीस साल से यमकेश्वर की राजनीति में एकछत्र राज कर रहे भाजपा खेमें में चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि भाजपा के अभेद्य किले यमकेश्वर की बाजी इस बार कौन सा दल का प्रत्याशी मारता है!
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