कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) : केंद्र सरकार ने नाक से दी जाने वाली नेजल वैक्सीन को दी मंजूरी, बूस्टर डोज के तौर पर लगेगी - Mukhyadhara

कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) : केंद्र सरकार ने नाक से दी जाने वाली नेजल वैक्सीन को दी मंजूरी, बूस्टर डोज के तौर पर लगेगी

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कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) : केंद्र सरकार ने नाक से दी जाने वाली नेजल वैक्सीन को दी मंजूरी, बूस्टर डोज के तौर पर लगेगी

मुख्यधारा डेस्क

पिछले तीन दिनों से केंद्र सरकार देश में कोरोना के खतरे को देखते हुए तैयारियों में जुटी हुई है। गुरुवार को दिल्ली से लेकर तमाम राज्यों की राजधानियों में बैठकों का दौर जारी रहा। वहीं शाम को विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन भी जारी की गई।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंटरनेशनल ट्रैवलर्स के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2%पैसेंजर्स की रैंडम सैंपलिंग करने का निर्देश दिया गया। इसके तहत सभी यात्रियों को पूरी तरह से वैक्सिनेडेट होना जरूरी है। अगर किसी यात्री में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे कोविड प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेट कर दिया जाएगा। उसे लिए मास्क पहनने अनिवार्य कर दिया जाएगा। उसे आइसोलेट कर दिया जाएगा और उसका इलाज किया जाएगा।

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यह गाइडलाइन शनिवार 24 दिसंबर से लागू होगी। वहीं दुनिया की पहली नेजल कोरोना वैक्सीन को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को राज्यसभा में नई नेजल कोरोना वैक्सीन के बारे बताया कि एक्सपर्ट कमेटी ने नेजल वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे बनाया है। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा। सबसे पहले इसे प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए लोगों को पैसे देने होंगे।

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इसे आज से ही कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया गया है।भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया है। पहले इसे BBV154 कहा गया था। इसे नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। इस वैक्सीन में इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती। केंद्र सरकार ने इससे पहले भी नेजल वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी।

6 सितंबर को भारत के औषधि महानियंत्रक ने उस समय केवल आपातकालीन उपयोग के लिए इसको मंजूरी दी थी। डीसीजीआई ने 18 साल के ऊपर के लोगों को इसकी मंजूरी दी थी। नेजल स्प्रे वैक्सीन को नाक के जरिए दिया जाता है। यह नाक के अंदरूनी हिस्सों में इम्यून तैयार करती है। अंदरूनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार होने से ऐसे बीमारियों को रोकने में ज्यादा असरदार साबित होती है जो हवा के जरिए फैलती है। नेजल वैक्सीन के एक्सपर्ट का कहना है कि, अन्य वैक्सीनों की तुलना में नेजल वैक्सीन बेहतर और कारगर साबित होगी। इसकी दो खुराक दी जाती है। चीन, जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, ग्रीस, इटली समेत कई देशों में बड़ी संख्या में कोरोनावायरस के मामले सामने आ रहे हैं।

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केंद्र सरकार ने कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ.7 से संक्रमण को रोकने के लिए विदेश से आने वाले यात्रियों को लेकर खास दिशा-निर्देश दिए हैं। ऐसे ही उत्तर प्रदेश में सभी पुलिसकर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम को कोरोना को लेकर एडवाइजरी जारी की है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कोविड की रोकथाम को लेकर बैठक की। सीएम ने कहा कि राज्य में बूस्टर डोज लगाने के लिए अभियान चलाया जाए।

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