दिल्ली में सफलता के नित नए सोपान बुन रहे ‘केजरी’ ने विधानसभा चुनाव 2020 में अन्य सभी पार्टियों के ‘वाल’ टीक कर दिए हैं। यही नहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने इस बार भी ऐसा चौका मारा कि इससे भारतीय जनता पार्टी के दो दशक से दिल्ली में सत्ता हासिल करने के सपने चकनाचूर हो गए।
मंगलवार को जैसे ही मतगणना शुरू हुई, बीजेपी के कमल खूब खिले हुए दिखाई दे रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे घड़ी की सुई दोपहर तक पहुंची, कमल भी वैसे-वैसे मुरझाने लगा और सायं होते-होते तो लगभग बेजान सा हो गया। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के सत्ता में आने के सपने भी चकनाचूर हो गए।
इन चुनावी नतीजों से एक बार फिर से आम आदमी पार्टी ‘आम जन, के बीच यह साबित करने में सौ फीसदी कामयाब हुई है कि मुद्दों में भटकाने व सेक्युलर होने का दावा करने वाली पार्टियां धरातल पर काम नहीं, हवाई दावों पर ज्यादा विश्वास करती है, जबकि ‘आप’ आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरने में सफल रही है।
यूं तो लगातार दूसरी बार किसी भी राजनैतिक दल को इतिहास को छूना तो दूर, उसके करीब जाना भी बड़ा मुश्किल होता है, लेकिन 70में से 60 या इससे अधिक सीटें अपनी झोली में लाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिद्ध कर दिखाया कि जन उम्मीदों पर यदि पूरे पांच साल ईमानदारी से काम किया जाए तो जनता का भी भरपूर समर्थन हासिल किया जा सकता है।
जाहिर है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में फिलहाल तो सबके वाल ठीक दिए हैं। गलतफहमी पाले बैठे राजनैतिक दलों को जोर का झटका धीरे से ऐसे दिया, ताकि उन्हें झटके तक का एहसास न हो सके।
बताते चलें कि २०१५ के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें झटककर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था। इससे पहले भी उन्हें अपार जनसमर्थन मिला था। इस तरह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता ने उन्हें लगातार तीसरी बार प्रचंड बहुमत देकर साबित कर दिया है कि उनका नेता तो अरविंद केजरीवाल ही है।
बहरहाल, अब देखना यह होगा आम आदमी पार्टी को मिली इस प्रचंड जीत के बाद अन्य राजनैतिक पार्टियों अपना आत्म निरीक्षण किस तरह करती हैं और इस बुरी हार को किस रूप में स्वीकार करती हैं!