आपदा (Disaster): उत्तराखंड में पानी के तेज बहाव में फंसी कार, लोगों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी को बचाया, राज्य के 7 जिलों में बारिश का अलर्ट - Mukhyadhara

आपदा (Disaster): उत्तराखंड में पानी के तेज बहाव में फंसी कार, लोगों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी को बचाया, राज्य के 7 जिलों में बारिश का अलर्ट

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आपदा (Disaster): उत्तराखंड में पानी के तेज बहाव में फंसी कार, लोगों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी को बचाया, राज्य के 7 जिलों में बारिश का अलर्ट

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखंड में कई दिनों से बारिश, बाढ़ और भूस्खलन कहर बरपा रहे हैं। पिछले दिनों बारिश के दौरान जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास नदी में सवारियों से भरी बस पलट गई थी। लेकिन गनीमत यह रही कि सभी 35 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया।

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वहीं दूसरी ओर एक बार फिर जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में बरसाती रकशिया नाले के तेज बहाव में फंसी एक कार में सवार लोगों की जान पर बन आई। लोगों की चीख चिल्लाहट सुनकर स्थानीय निवासी इकट्ठा हो गए। स्थानीय लोगों ने कार सवार लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया। आखिर कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने कार सवार लोगों की जान बचा ली। मुरादाबाद से आई स्वाति जैन के साथ भी यही हुआ।

देहरादून के सहस्त्रधारा घूमने के दौरान स्वाति सेल्फी ले रही थी, तभी उसका पैर फिसला और वो नदी में बह गई। एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने कई घंटे सर्च ऑपरेशन चलाया। इसके बाद उसका शव बरामद हुआ।

वहीं मौसम विभाग ने आज देहरादून आज देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर तथा पिथौड़ागढ़ जनपदों में भारी वर्षा की संभावना जताई है। इसे लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछार पड़ सकती हैं। गौरीकुंड भूस्खलन हादसे में लापता 20 लोगों की तलाश जारी है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी भूस्खलन के मलबे में दबे 20 लोगों का पता नहीं चल पाया है।

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बीते शुक्रवार को मलबे की चपेट में 23 लोग आ गए थे, जिसमें तीन के शव बरामद कर लिए गए। आज भी लापता लोगों की तलाश में अभियान जारी रहेगा। अभी तक 62 सदस्यीय रेस्क्यू टीम 40 किलोमीटर तक खोज अभियान चला चुकी है। लापता लोगों के मंदाकिनी नदी में बहने की आशंका है।

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मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, 10 अगस्त तक प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम का मिजाज इसी तरह का बना रहेगा। अगले दो दिन तक प्रदेश में कई जिलों में गरज-चमक के साथ बौछार पड़ सकती हैं।

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