शिकंजा : बद्री केदार स्टोन क्रेशर पर लगा 21,16,800/- का जुर्माना

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शिकंजा : बद्री केदार स्टोन क्रेशर पर लगा 21,16,800/- का जुर्माना

हरिद्वार/मुख्यधारा

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा अवैध खनन के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही के क्रम में जिला खनन अधिकारी मो.काजिम ने बताया कि जिला हरिद्वार की तहसील भगवानपुर के ग्राम बंजारेवाला ग्रन्ट स्थित मै० बद्री केदार स्टोन केशर के द्वारा केशर परिसर के अन्दर अवैध रूप से खुदान कर 10,080 टन आर०बी०एम० निकाला गया है, जिस पर उक्त नियमावली के प्राविधानानुसार प्रथम बार में रायल्टी का तीन गुना की दर से रू0 21,16,800/- का अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने की संस्तुति की जाती है। उक्त अनियमित्ता के कारण स्टोन केशर को मौके पर सीज करते हुए ई-रवन्ना पोर्टल अस्थायी रूप से निलम्बित किया गया।

ज्ञात है कि कि दिनांक 17.06.2025 को जनपद हरिद्वार की तहसील भगवानपुर के ग्राम बंजारेवाला ग्रन्ट में अवैध खनन की प्राप्त मौखिक शिकायत के क्रम में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में विभागीय दल द्वारा जनपद हरिद्वार की तहसील भगवानपुर के ग्राम बंजारेवाला ग्रन्ट स्थित मै० बद्री केदार स्टोन केशर का औचक निरीक्षण किया गया। औचक निरीक्षण के समय मौके पर उपस्थित केशर मुंशी की उपस्थिति में स्टोन केशर परिसर के अन्दर अवैध रूप से बनाये गये गढ्‌ढे की मौके पर पैमाईश की गयी, जिसका विवरण निम्नवत् है :-

50 मी० x 35 मी० x 2 मी० 3500 घ०मी० (स्वैल फैक्टर व बल्क डेन्सिटी के अनुसार) अर्थात् 10,080 टन

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स्टोन केशर परिसर के अन्दर अवैध रूप से बनाये गये गढ्‌ढे से खुदान कर 10080 टन आरा०बी०एम० निकाले जाने के सम्बन्ध में केशर मुंशी से पूछताछ की गयी, परन्तु वे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाये। उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2024 के नियम (14) (5) (क) में प्रतिस्थापित नियम के प्राविधानानुसार “यदि भण्डारणों में कोई अवैधता/अनियमितता पाई जाती है तो महानिदेशक/ निदेशक या उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी, जिलाधिकारी या जिलाधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी (उप जिलाधिकारी के स्तर से अन्यून न हो) द्वारा भण्डारण स्थल को सीज / ई-रखन्ना पोर्टल को बन्द करते हुए अनुज्ञाधारक को उक्त के सम्बन्ध में अपना पक्ष 15 दिन के भीतर प्रस्तुत करने हेतु नोटिस दिया जायेगा और यदि नियत समय के भीतर अनुज्ञाधारक का कोई स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है अथवा अनुज्ञाधारक द्वारा प्रस्तुत किया गया स्पटीकरण / साक्ष्य संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो महानिदेशक / निदेशक या उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी, जिलाधिकारी या जिलाधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी (उप जिलाधिकारी के स्तर से अन्यून न हो), द्वारा अवैध खनिज की मात्रा पर प्रथम बार में रायल्टी का तीन गुना तथा उसके पश्चात् रॉयल्टी का चार गुना के समतुल्य धनराशि अधिरोपित की जायेगी।

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(किसी व्यक्ति/संस्था/फर्म/कम्पनी आदि के नाम से एक से अधिक अनुज्ञा स्वीकृत होने पर यदि एक अनुज्ञा स्थल पर अर्थदण्ड आरोपित किया जाता है अथवा उक्त नियमावली के प्रख्यापन से पूर्व आरोपित किया गया है तो दूसरे अनुज्ञा स्थल पर अर्थदण्ड रायल्टी के चार गुना के समतुल्य धनराशि आरोपित की जायेगी)। सम्बन्धित भण्डारणकर्ता के द्वारा उक्त अधिरोपित धनराशि जमा कराये जाने पर खनिज की उक्त मात्रा की निकासी जिला खान अधिकारी की संस्तुति पर निदेशक के द्वारा दी जायेगी। यदि भण्डारण की जांच/पैमाईश के उपरान्त भण्डारित उपखनिज की मात्रा भण्डारणकर्ता के द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों एवं वास्तविक पैमाईश के अनुसार मिलान करने पर कम पायी जाती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध उक्तानुसार धनराशि अरोिपित करते हुये कम पायी गयी उपखनिज की मात्रा को सम्बन्धित के Capacity in Hand में अंकित उपखनिज की मात्रा से कम कर दी जायेगी।

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