हरिद्वार/मुख्यधारा
बीते पांच दिसंबर को हरिद्वार वन प्रभाग में उप वन संरक्षक के पद पर धर्म सिंह मीणा के कार्यभार संभालने के बाद प्रभाग में अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रभाग के समस्त कर्मचारी उनके खिलाफ लामबंद हो गए हैं और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
कर्मचारियों का आरोप है कि जब से उप वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा ने प्रभाग में कार्यभार ग्रहण किया, तभी से प्रभाग में कर्मचारियों का काम करना दुष्कर हो गया है। वे कर्मचारियों से ऐसा बर्ताव कर रहे हैं कि पहली बार कार्यालय में पुरुष कर्मचारियों तक को रोते हुए देखा गया है।
महिला कर्मचारियों का कहना है कि वे घर से लंच बॉक्स ला रहे हैं, किंतु उसे खा नहीं पा रहे हैं।
एक कर्मचारी बताते हैं कि उनके कार्यभार ग्रहण करने के बाद यहां ऐसा भय का माहौल हो गया है कि कोई भी उनके साथ काम नहीं करना चाहता है। पांच तारीख को ज्वाइनिंग के बाद वे 11 तारीख तक मात्र दो बार कार्यालय में बैठे। हद तो तब हो गई, जब उन्होंने कर्मचारियों को घूसखोर, अभद्र टिप्पणियां, गाली गलौच, रिश्वतखोरी का इल्जाम, खनन माफियाओं से मिलने का आरोप लगाकर तरह-तरह की टिप्पणियां की। किसी पर कैलेंडर डस्ट फेंकना, किसी पर कागज उठाकर फेंकना जैसा कृत्य कर रहे हैं। इसी तनाव की वजह से उनका एक साथी कर्मचारी शनिवार को शाम बजे कार्यालय से अपने घर के लिए जा रहा था, इल्जाम लगाने पर उसको इतना तनाव रहा कि उसका एक्सीडेंट हो गया।
डिवीजन का तब से बड़ा खराब माहौल हो गया है। आज हम ऐसे व्यवहार व अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले अधिकारी का स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों ने एकजुट होकर मांग की है कि जब तक उनका ट्रांसफर नहीं किया जाता, तब तक वे काम नहीं कर पाएंगे।
जब इस संबंध में उप वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
यह भी पढें: दु:खद: नहीं रहे भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक। आठ बार रहे विधायक, शोक की लहर
यह भी पढें: उत्तराखंड : सबसे अपशकुनी रहा चतुर्थ विधानसभा का ये कार्यकाल। इन छह विधायकों का हुआ पांच वर्षों में निधन