पुरोला (Purola) गांव सहित कई गांवों के मरघट को जाने का रास्ता बाधित
नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
पुरोला (Purola) गांव के कमल नदी पर पुरोला-नौगाँव मोटर मार्ग के लिए आवाजाही को बने लोहे के पुल की एक ओर की सुरक्षा दीवार ढहने से पुरोला गांव सहित दर्जनों गांवों के कमल संस्कृत विद्यालय व अन्य स्कूलों के स्कूली छात्र-छात्राओं को पैदल आवाजाही की भारी दिक्कतें हो रही हैं।
कमल नदी पर बना यह पैदल लोहे का पुल पुरोला गांव सहित चन्देली, खलाड़ी,पुजेली,करड़ा,दणमाणा आदि कई गांवों के चारा पत्ती, घास,लकड़ी व बच्चों का स्कूल आने जाने का उपयोगी रास्ता है।
वहीं कमल नदी व मालगाड़ पर मुख्य मरघट की आवाजाही का भी मुख्यमार्ग है जंहा से पुरोला बाजार सहित कुमोला,कोरना, मखना,कुरुडा,छाड़ा आदि गांवों के लोग अंतिम संस्कार के लिए शवयात्रा में आवाजाही करते हैं।
पुल की एक ओर की दीवार ढहने से जंहा आवाजाही नदी के उफान से बाधित है वंही पुल के ढहने का खतरा भी हो गया है।
पुल से आवाजाही बंद होने से छात्र-छात्राओं सहित ग्रामीणों को पशुओं के चरान-चूंगान व घास,चारापत्ती आदि रोजमर्रा के कार्यों के लिए भी बहुत लम्बी दूरी तय कर आवाजाही करनी पड़ रही है।
वहीं लोक निर्माण के सहायक अभियंता पीके0 मिश्रा का कहना है कि प्राथमिकता पर पुल के क्षतिग्रस्त दीवार का आपदा न्यूनीकरण में आगणन प्रशासन को भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही मरम्मत कार्य करवाया जाएगा।