सैनिक कल्याण मंत्री ने किया कलाकारों से आह्वान, राज्य के पांचवें धाम, सैन्यधाम निमार्ण के लिए रचें गीत
देहरादून/मुख्ययधारा
प्रदेश के सैनिक कल्याण एवं औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी ने चारधाम अस्पताल के निदेशक डाक्टर केपी जोशी की पहल पर रेंजर्स ग्राउण्ड में आयोजित लोकवाद्य प्रस्तुतिकरण एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी सम्मान समारोह में प्रतिभाग कर राज्यभर से आए कलाकारों को सम्मानित किया। इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा राज्य में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान जान गंवाने वाले नागरिकों तथा कश्मीर में शहीद हुए राज्य के सैनिकों की याद में दो मिनट का मौन रखा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस समय राज्य आपदा के जख्मों से उबरने का प्रयास कर रहा है। सैनिक पुत्र युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी हेतु स्वयं पहुंच रहे हैं। समय पर दिए गए अलर्ट तथा प्रशासनिक मुस्तैदी के कारण हम नुकसान को सीमित रख पाए।
उन्होंने कहा कि हमारे संस्कृति कर्मी भी हमारे सैनिकों की तरह ही पूरी जी-जान से लोक कलाओं तथा लोकसंस्कृति की रक्षा तथा संवर्धन में लगे हैं। मैं स्वयं संस्कृति मंत्री एवं मुख्यमंत्री को लोक कलाकारों की भावनाओं तथा मानदेय संबंधी मांग से अवगत कराउंगा।
लोककलाएं हमारे समाज की ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक स्थितियों, रहन-सहन तथा सामुहिक ताने-बाने की सामाजिक प्रस्तुति होती हैं। लोककलाएं हमारी धरोहर हैं क्योंकि यह समाजिक सरोकारों, सामुहिकता और आपसी भाईचारे जैसे सौहार्द और समरसता के भावों की जड़ों को मजबूत करती हैैं। लोककलाएं हमारे लोक जीवन में बसती हैं। यह हमें सुसंस्कृत एवं सामाजिक बनाने में अहम भूमिका निबाहती हैं। लोककला पर आज पश्चिम का प्रभाव दिख रहा है। लोक कलाऐं मात्र संग्रहालयों तथा म्यूजियम में ही सिमट ना जाएं, बल्कि वह समाज में पुष्पित तथा पल्लवित होती रहें, तो अधिक प्रासंगिक होगा। इसलिए जरूरी है कि नीतिनिर्माता, कलाकार, विद्वान व शोधार्थी भी इनके संरक्षण की दिशा में कार्य करें। लोक कला के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक पक्ष पर व्यापक मंथन कर इसके संरक्षण को ठोस पहल करना है।
लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए युवा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में राज्य सरकार बेहद गंभीरता से कार्य कर रही है। हमने राज्य स्तर पर हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने तथा हस्तशिल्प उत्पादों को उचित बाजार दिलाने के लिए राज्य की राजधानी देहरादून तथा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिमाद्री इम्पोरियम के आउटलेट खोले हैं।
इसके अलावा राज्य स्तर पर हस्तशिल्प एवं हथकरघा पुरस्कारों की राशि को लगभग तीन गुना तक बढ़ा दिया गया है। प्रथम पुरस्कार की धनराशि को 15 हजार से बढ़ा कर 50 हजार, द्वितीय पुरस्कार की राशि को 10 हजार से 30 हजार तथा तृतीय पुरस्कार की राशि को 08 हजार से बढ़ा कर 20 हजार किया गया है। शिल्प रत्न पुरस्कार राशि को एक लाख रुपए किया गया है।
कैबिनेट मंत्री ने जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को ढोल सागर अकादमी की शुरूआत करने हेतु बधाई एवं शुभकानाएं दी। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जल्द ही लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी जी को पद्मश्री सम्मान मिले। साथ ही सैनिक कल्याण मंत्री ने गढ़गौरव नरेन्द्र सिंह नेगी तथा जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण से अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आकांक्षाओं के अुनरूप राज्य में बनने जा रहे सैन्यधाम के निमार्ण के लिए निकलने वाली शहीद सम्मान यात्रा के लिए गीत रचना कर वीर भूमि उत्तराखण्ड की अमर शहीदों को सच्ची श्रृद्धांजली अर्पित करने में भागीदार बनें।
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