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मानसून सत्र (Monsoon Session) आज से: महाबैठक के बाद विपक्षियों के तीखे तेवर, संसद में पक्ष और विपक्ष के बीच आज से शुरू होगा सियासी संग्राम

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मानसून सत्र (Monsoon Session) आज से: महाबैठक के बाद विपक्षियों के तीखे तेवर, संसद में पक्ष और विपक्ष के बीच आज से शुरू होगा सियासी संग्राम

केंद्र इन विधेयकों को करा सकती है पारित

मुख्यधारा डेस्क

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। विपक्ष के इस बार केंद्र सरकार को घेरने के लिए तीखे तेवर दिखाई दे रहे हैं। पिछले महीने 23 जून को पटना उसके बाद 17, 18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई महाबैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने खास रणनीति बनाई है।

वहीं दूसरी ओर भाजपा विपक्ष के सवालों को जवाब देने के लिए तैयार है। कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा से कोई समझौता नहीं करने का एलान कर अपने तेवर पहले ही स्पष्ट कर दिया है। वहीं सरकार की ओर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ किया कि संसदीय नियमों और अध्यक्ष के निर्देशों के अनुरूप वह मणिपुर समेत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।

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बता दें कि सत्र शुरू होने से पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सदन के नेताओं की बैठक में सत्र को सुचारू रुप से चलाने के लिए सबका सहयोग मांगा। विपक्ष की मांग पर केंद्र सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने को तैयार हो गई है। इस बैठक से एक दिन पहले सभी विपक्षी दलों ने बेंगलुरु में हुई मीटिंग में INDIA नाम से नए गठबंधन का एलान किया। इसमें 26 दल शामिल हैं।

विपक्षी दलों का नया गठबंधन मानसून सेशन में मणिपुर हिंसा, दिल्ली अध्यादेश, राहुल गांधी की सदस्यता रद करने जैसे मुद्दों पर केंद्र को घेरने की कोशिश करेगा। इसके अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड और अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी से जांच की मांग जैसे मुद्दों पर भी बहस हो सकती है। बेंगलुरु में इंडिया गठबंधन का स्वरूप देने वाले विपक्ष के एकजुटता की भी मानसून सत्र में पहली परीक्षा होगी। वैसे एकजुट विपक्ष के लिए भी इस अध्यादेश से संबंधित विधेयक को दोनों सदनों से पास होने से रोकना मुश्किल होगा। सर्वदलीय और कार्यमंत्रणा समिति की बैठकों में प्रह्लाद जोशी ने बताया कि 11 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में सरकार की ओर से 31 विधेयक पेश किये जाएंगे। इनमें दिल्ली अध्यादेश से जुड़े बिल के अलावा एक फिल्म पाइरेसी को रोकने के कानून का ड्राफ्ट भी शामिल है।

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संसद के मानसून सत्र के दौरान लिए जाने वाले संभावित विधेयक इस प्रकार हैं

1. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 (अध्यादेश को प्रतिस्थापित करने के लिए।)
2. चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2019
3. डीएनए प्रौद्योगिकी ( प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक, 2019
4. मध्यक्ता विधेयक, 2021
5. जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022
6. बहुराज्यीय सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022
7. निरसन और संशोधन विधेयक, 2022
8. जन विश्‍वास ( उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2023
9. वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023
10. हिमाचल प्रदेश राज्य के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022
11. छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022
12. डाक सेवा विधेयक, 2023
13. राष्ट्रीय सहकारी विश्‍वविद्यालय विधेयक, 2023
14. प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक, 2023
15. डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2023
16. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और बैंक विधेयक, 2023
17. करों का अनंतिम संग्रह विधेयक, 2023
18. राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023
19. राष्ट्रीय नर्सिंग और प्रसूतिविद्या आयोग विधेयक, 2023
20. औषधि, चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधन विधेयक, 2023
21. जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023
22. जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023
23. चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2023
24. प्रेस और पत्रिकाओं का रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2023
25. अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023
26. खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023
27. रेल (संशोधन) विधेयक, 2023
28. राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023
29. संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023
30. संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023
31. संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023

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