शंभू नाथ गौतम
संसद के सत्र में हर बार विपक्ष का हंगामा, नारेबाजी धरना-प्रदर्शन देखने को मिलता है। इसकी वजह भी साफ है, कोई भी विपक्षी पार्टी मौजूदा सरकार से कई मुद्दों पर जवाब मांगती हैं।
लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर “संसद” में विपक्ष अपनी बात रखने का सबसे अच्छा माध्यम भी मानते हैं, लेकिन कभी-कभी स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि संसद में विपक्षी सांसद मर्यादा भी पार जाते हैं।
साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद संसद में कार्यवाही के दौरान हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों (mp) के खिलाफ कठोर नियम बनते चले गए। इस बार मानसून सत्र को लेकर तो केंद्र सरकार ने बाकायदा अमर्यादित शब्दों, हंगामा और धरना करने पर रोक लगाने के आदेश भी जारी किए थे, लेकिन विपक्ष ऐसे आदेशों को भला कहां मानने वाला है। विपक्ष सरकार की खराब नीतियों का विरोध करने के लिए जाना जाता है।
इस बार 18 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में पहले दिन से ही कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। विपक्षी सांसद महंगाई, जीएसटी और गुजरात में शराब से हुई मौत समेत कई मुद्दों पर केंद्र सरकार से जवाब मांग रहे हैं। लेकिन इस बार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा उपाध्यक्ष हरिवंश सिंह ने भी सदन की कार्यवाही के दौरान हंगामा करने वाले नेताओं के खिलाफ कमर कस ली है।
संसद के मानसून सत्र के दौरान हंगामा करने की वजह से इस हफ्ते विपक्ष के 24 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं। इनमें 20 राज्यसभा के और 4 लोकसभा के हैं। बुधवार को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया। उन पर सदन में नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन पर पेपर फेंकने का आरोप है।
इसके बाद राज्यसभा से सस्पेंड सभी सांसद (mp) संसद परिसर में ही बिस्तर लगाकर 50 घंटे के धरने पर बैठ गए। सभी ने पूरी रात वहीं गुजारी। आज भी विपक्षी सांसद संसद परिसर में धरना देंगे। संसद की कार्यवाही सदन के अंदर चलेगी, बाहर विपक्षी सांसद धरना देते हुए नजर आएंगे।
निलंबित किए गए विपक्षी सांसद बहाली की कर रहे हैं मांग
लोकसभा राज्यसभा से सस्पेंड किए गए विपक्षी सांसद (mp) अपनी बहाली की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर विपक्षी पार्टियों के अलग-अलग सांसद सदन के परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रदर्शन स्थल का दौरा किया और कहा कि उनकी पार्टी अन्य विपक्षी दलों की ओर से आयोजित दिन-रात धरने का हिस्सा होगी। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, सीपीएम और आप दोनों सदनों के सांसद, संसद परिसर में बारी-बारी से 50 घंटे तक लगातार धरना दे रहे हैं। वे कीमतों में बढ़ोतरी और खाद्य पदार्थों पर जीएसटी पर तत्काल बहस की मांग के लिए अपने निलंबन का विरोध कर रहे हैं। निलंबित किए गए राज्यसभा और लोकसभा के कुल 24 सदस्यों ने विरोध करते हुए संसद भवन के अंदर गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष मूल्य वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाने वाले सदस्यों के निलंबन को रद करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से अनुरोध करेगा।
सांसदों को उनके अनियंत्रित व्यवहार के लिए निलंबित किया गया है। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ और 12 अगस्त तक चलेगा। सत्र के दौरान 18 बैठकें होंगी।