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नहीं रहे Ratan Tata : रतन टाटा का पूरा जीवन सादगी भरा रहा, उद्योग जगत में शोक की लहर, राष्ट्रपति, पीएम समेत तमाम नेताओं ने जताया शोक

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नहीं रहे Ratan Tata : रतन टाटा का पूरा जीवन सादगी भरा रहा, उद्योग जगत में शोक की लहर, राष्ट्रपति, पीएम समेत तमाम नेताओं ने जताया शोक

मुख्यधारा डेस्क

बुधवार 9 अक्टूबर को देश ने अनमोल रत्न खो दिया। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लोकप्रिय रतन टाटा नहीं रहे। देशवासियों ने जब रतन टाटा के निधन का समाचार सुना सभी की आंखें नम हो गई।

भारत में शायद ही कोई ऐसा होगा जो टाटा के नाम से प्रसिद्ध न हो। देश की आजादी से पहले टाटा कंपनी दुनिया के तमाम देशों में पहचानी जाती थी। टाटा समूह आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है। इतने बड़े ग्रुप के मालिक होने के बावजूद रतन टाटा का जीवन सादगी भरा रहा। उनके निधन से भारत ही नहीं दुनियाभर के उद्योग जगत में शोक की लहर है।

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महाराष्ट्र और झारखंड में आज एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। रतन टाटा को मुंबई से बहुत लगाव था। बढ़ती उम्र के बावजूद वे आखिरी समय तक कंपनी को बढ़ाने और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर शामिल होते रहे। भारत में क्या आम और क्या खास जिसने भी उनके निधन का दुखद समाचार सुना सभी ने सोशल मीडिया पर मशहूर उद्योगपति रतन जी को श्रद्धांजलि दी। रतन टाटा अविवाहित थे।

बुधवार रात करीब 10 बजे टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के इंटेसिव केयर यूनिट में भर्ती थे। 7 अक्टूबर को भी उनके आईसीयू में भर्ती होने की खबर थी। हालांकि रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर लिखा था, मैं ठीक हूं और ज्यादा उम्र के कारण रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल गया था।

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टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिक्ष राहुल गांधी, गौतम अडाणी समेत कई नेताओं, बिजनेसमैन और फिल्म इंडस्ट्रीज से लोगों ने शोक व्यक्त किया। 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वह 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन थे।

रतन, टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे। रतन ने अपनी विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने एअर इंडिया को अपने एंपायर में शामिल किया। विदेशी कंपनी फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा। रतन टाटा को उनके सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता था। वह टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ दी जाएगी विदाई। वहीं मुंबई में 10 बजे से लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। शााम को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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देश के मशहूर उद्योगपति पद्मविभूषण रतन टाटा को दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। पद्मविभूषण रतन टाटा का जन्म 1937 में बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ। उनकी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल में हुई। हालांकि, यहां वह 8वीं कक्षा तक ही पढ़े। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने शिमला के एक स्कूल में की। पद्मविभूषण रतन टाटा ने आगे की पढ़ाई के लिए शिमला में मौजूद बिशप कॉटन स्कूल को चुना। खास बात है कि यह स्कूल न केवल देश में बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप में सबसे बड़े स्कूलों में शुमार है। यह देश का पहला पब्लिक स्कूल था, जिसकी स्थापना सन् 1859 में जॉर्ज एडवर्ड लिंच कॉटन ने की थी। जॉर्ज कॉटन वेस्टमिंस्टर स्कूल में स्कॉलर थे और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट थे।

राष्ट्रपति, पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने रतन टाटा के निधन पर दी श्रद्धांजलि

रतन टाटा के निधन पर टाटा चेयरमैन चंद्रशेखर ने कहा हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ रतन टाटा को विदाई दे रहे हैं। समूह के लिए टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा-भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है, जिन्होंने कॉर्पोरेट ग्रोथ, राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया। राहुल गांधी ने लिखा-रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया, ‘देश के गौरवशाली सपूत रतन टाटा जी के निधन की खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं।

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तीन दशकों से अधिक समय तक मुझे उनके साथ एक गहरा व्यक्तिगत और करीबी पारिवारिक संबंध रखने का सौभाग्य मिला, जहां मैंने उनकी विनम्रता, सादगी और सभी के प्रति वास्तविक सम्मान देखा, चाहे उनकी स्थिति कुछ भी हो. उनके जीवन में ईमानदारी और करुणा के मूल्य समाहित थे, जो कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे। भारत के अग्रणी उद्योगपति के रूप में, अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में उनके उल्लेखनीय योगदान ने अनगिनत लोगों के जीवन को बदल दिया।अपने व्यावसायिक कौशल से परे, वह एक समर्पित देशभक्त और सामाजिक रूप से जागरूक नेता थे, जिन्होंने समाज को गहराई से प्रभावित किया। मैंने उनसे जो सीखा, वह हमेशा मेरे जीवन में गूंजता रहेगा। उनका जाना हमारे देश के लिए बहुत बड़ा दुख है, क्योंकि हमने एक दूरदर्शी और दयालु मार्गदर्शक खो दिया है। ओम शांति।

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा, ‘रतन टाटा के निधन से दुख हुआ। वह भारतीय उद्योग जगत के महान नायक थे जिन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। उसकी आत्मा को शांति मिले। शरद पवार ने कहा- दुनियाभर में अपनी शानदार उपलब्धियों से देश का नाम रोशन करने वाले टाटा समूह के चेयरमैन, उद्योगपति रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। देश पर आने वाली हर प्राकृतिक या मानवीय संकट से निपटने के लिए हमेशा मदद का हाथ बढ़ाने वाले रतन टाटा के स्वभाव को हमेशा याद रखा जाएगा। सामाजिक चेतना के माध्यम से अपनी सफलता का मार्ग प्रशस्त करने वाले व्यक्तित्व रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि!!महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- भारत रत्न रतन टाटा नहीं रहे। वे महाराष्ट्र के गौरव हैं। उन्होंने हजारों लोगों की मदद की। रतन टाटा हमारे देश के कोहिनूर थे। हमारे राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा योगदान है। वे एक ‘देशभक्त’ और ‘देश प्रेमी’ थे।

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महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- रतन टाटा न केवल एक बहुत सफल उद्योगपति थे, बल्कि जिस तरह से उन्होंने देश और समाज के लिए काम किया, उससे वे एक बड़ी शख्सियत भी थे। उन्होंने न केवल सफल उद्योग स्थापित किए बल्कि एक ऐसा ट्रस्ट, एक ऐसा ब्रांड खड़ा किया, जिसने हमारे देश को वैश्विक पहचान दी। एक बहुत बड़े दिल वाला इंसान आज हमसे दूर चला गया, यह देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

मुकेश अंबानी ने लिखा-ये भारत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का जाना ना सिर्फ टाटा ग्रुप, बल्कि हर भारतीय के लिए बड़ा नुकसान है। व्यक्तिगत तौर पर रतन टाटा का जाना मुझे बहुत दुख से भर गया है, क्योंकि मैंने अपना दोस्त खो दिया है।गौतम अडाणी ट्वीट करते हुए लिखा- भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है। टाटा ने मॉडर्न इंडिया के पाथ को रीडिफाइन किया। टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने करुणा के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। आनंद महिंद्रा ने कहा मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। रतन टाटा को भुलाया नहीं जा सकेगा, क्योंकि महापुरुष कभी नहीं मरते। सुंदर पिचाई ने कहा रतन टाटा से पिछली मुलाकात के दौरान उनका विजन सुनना मेरे लिए प्रेरणादायक था। वे एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी बिजनेस लीगेसी छोड़ गए हैं। उन्होंने भारत में मॉडर्न बिजनेस लीडरशिप को मार्गदर्शन देने और डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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