उत्तराखंड के सभी विधायकों के लिए मानसून सत्र रहा फायदे का सौदा, माननीयों की बढ़ाई गई सैलरी, इस फैसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष की रही एक राय
शंभू नाथ गौतम
उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र प्रदेश के सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी 70 विधायकों के लिए फायदे का सौदा रहा। उत्तराखंड के माननीय पिछले काफी समय से अपनी सैलरी (वेतन) बढ़ाने की मांग कर रहे थे। आखिरकार मानसून सत्र के दूसरे दिन उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में स्थित विधानसभा सदन में गुरुवार, 22 अगस्त को 5013.05 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया गया और विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी विधेयक सदन से पास हो गया। विधायकों की बढ़ाई गई सैलरी को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच एक राय नजर आई। भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। अभी तक उत्तराखंड में विधायकों को वेतन भत्तों के तहत 2.90 लाख रुपए मिलते हैं।
70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों को अब प्रतिमाह वेतन-भत्ते के रूप में लगभग चार लाख रुपये मिल सकते हैं। पिछले साल विधायकों की सदन एवं निर्वाचन क्षेत्र सेवा शर्ताें पर विचार के लिए तदर्थ समिति गठित की गई थी। बढ़ती महंगाई को देखते हुए तदर्थ समिति ने विधायकों के वेतन-भत्तों के साथ ही उनके वैयक्तिक सहायक के वेतन में वृद्धि की संस्तुति की है।
विधानसभा सत्र में बड़ी बात यह है कि उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक को सदन के पेश किया गया। इसके संशोधन हो जाने पर विधायकों के भत्ते बढ़ाने के साथ-साथ कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। विधायकों के रेलवे कूपन और पेट्रोल डीजल के खर्चे में भी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही विधायकों पूर्व विधायको और उनके आश्रितों को कैशलेस इलाज देने की तैयारी की जा रही है। अनुपूरक बजट पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि तदर्थ समिति की कई संस्तुतियों को नामंजूर किया गया तो वहीं कुछ संस्तुतियों को मान लिया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विधायकों के वाहन चालकों का अब तक 12 हजार रुपए वेतन था, जिसे अब बढ़ाकर 20 हजार कर दिया गया है। इसके साथ ही विधायकों को गोल्डन कार्ड की तरह अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। यदि कोई विधायक अपनी सुविधा का खर्च पर इलाज करते हैं तो उन्हें चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही विधायकों को 40000 रुपए के रेलवे कूपन और डीजल में पेट्रोल के लिए 30 हजार रुपए हर महीने कैश दिया जाएगा।
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वहीं मानसून सत्र में संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरुवार शाम को विधानसभा में वित्त वर्ष 2024—25 के लिए 5013.05 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट को पेश किया गया। इसके साथ आठ विधेयक भी पेश किए गए। इसमें 3756.89 करोड़ रुपये राजस्व मद में जबकि 1256.16 करोड़ रुपये पूंजीगत मद में रखे गए हैं। अनुपूरक बजट में केंद्र पोषित परियोजनाओं के तहत 1531.65 करोड़ रुपये तथा बाहय सहायतित योजनाओं के अंतर्गत 217.17 करोड़ रुपये का प्रावधन किया गया है।
अनुपूरक मांगों में सबसे अधिक 718 करोड़ रुपये की धनराशि आपदा प्रबंधन के अंतर्गत राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को दी गयी है। समग्र शिक्षा के लिए 697.90 करोड़ रुपये, शहरी विकास के लिए 192 करोड़ रुपये तथा पेयजल विभाग को जल निकासी कार्यों के लिए 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने निकाय चुनाव की दिशा में भी कदम बढ़ा दिया। निकाय चुनाव दिसंबर 2023 में प्रस्तावित थे, लेकिन ओबीसी आरक्षण, मतदाता सूची पुनरीक्षण के साथ लोक सभा चुनाव की आचार संहिता के चलते सरकार दो बार छह-छह माह के लिए निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा चुकी है। इसी साल यह अवधि हो रही है। हाईकोर्ट सरकार को अक्तूबर 24 तक हर हाल में चुनाव कराने का निर्देश दे चुका है। अनुपूरक बजट में सरकार ने निकाय चुनाव कराने के लिए सात करोड़ रुपये का प्रावधान किया। विपक्षी विधायकों ने यह मानसून सत्र कम अवधि (3 दिन) का होने का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, सरकार नहीं चाहती कि सत्र की अवधि बढ़ा कर सवालों का जवाब दे। विपक्ष की भूमिका सदन चलाने की है, लेकिन सरकार नियमों का ताक पर सदन को चलाना चाहती है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, सदन को चलाने के लिए बिजनेस के आधार सत्र की अवधि तय की जाती है। सरकार भी चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले। धामी सरकार ने इस मानसून सत्र में सदन में 8 विधेयक भी पेश किए। जो इस प्रकार हैं । उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) संशोधन विधेयक 2024,उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक 2024 , उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024, उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024,उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक, उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2024, उत्तराखंड कामगार और सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024, विनियोग विधेयक 2024 पेश किए गए।