Header banner

उपराष्ट्रपति चुनाव की काउंटिंग शुरू : एनडीए उम्मीदवार धनखड़ (Jagdeep dhankhar) की जीत तय, भाजपा खेमे में जश्न शुरू, अल्वा विपक्ष को नहीं कर सकीं एकजुट  

admin
IMG 20220806 WA0040

मुख्यधारा

देश के 14वें नए उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद अब काउंटिंग भी शुरू हो गई है। इस चुनाव के लिए सुबह 10 बजे से संसद भवन में वोटिंग शुरू होकर 5 बजे तक चली। अब संसद भवन में ही वोटों की गिनती शुरू हो गई है।

एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep dhankhar) की जीत तय है। भाजपा खेमे में जश्न शुरू हो गया है। वहीं विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा विपक्षी दलों को एकजुट करने में नाकामयाब रहीं।

इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पीयूष गोयल, डॉ. हर्षवर्धन, सांसद हेमा मालिनी ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया।

वहीं उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष एकजुट नहीं हो पाया। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया। दरअसल टीएमसी ने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के नाम पर ऐतराज जताया था।

पार्टी का कहना था कि अल्वा के नाम का एलान होने से पहले उससे सहमति नहीं ली गई। ऐसे में अब पार्टी ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया।

बता दें कि संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं। विभिन्न दलों के समर्थन के साथ एनडीए उम्मीदवार को 500 से अधिक वोट मिल सकते हैं जबकि, मार्गरेट अल्वा को अब तक मिले पार्टियों के समर्थन को देखते हुए 200 के करीब वोटों का अनुमान जताया जा रहा है।

इस तरह से देखा जाए तो भाजपा अकेले ही जगदीप धनखड़ को जितवा सकती है। एनडीए के सांसदों के अलावा उपराष्ट्रपति उम्मीदवार धनखड़ को बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाजवादी पार्टी, टीडीपी अकाली दल और शिंदे गुट का भी समर्थन हासिल है। इनके 81 सांसद हैं। इस लिहाज से धनखड़ को करीब 522 वोट मिल सकते हैं। वहीं, मार्गरेट अल्वा को करीब 200 वोट ही मिलने की संभावना है।

Next Post

दुखद समाचार (fire insident) : मोरी ब्लाॅक के पुजेली अग्निकांड में एक मकान सहित दर्जनों सेब के पेड़ स्वाह, लाखों का नुकसान

नीरज उत्तराखंडी यूं तो उत्तराखंड दैवीय आपदा के लिहाज से अति संवेदनशील माना जाता है, किंतु कभीकभार त्रुटिवश भी पहाड़ वासियों को बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला उत्तरकाशी जनपद के मोरी विकासखंड में सामने आया […]
1659798387435

यह भी पढ़े