हैल्थ : उत्तराखंड में सीबीसीटी विधि से दांतों का उपचार करने वाला पहला क्लीनिक बना लक्ष्मी डेंटल। देशभर में ऐसी मात्र 16 मशीनें ही मौजूद - Mukhyadhara

हैल्थ : उत्तराखंड में सीबीसीटी विधि से दांतों का उपचार करने वाला पहला क्लीनिक बना लक्ष्मी डेंटल। देशभर में ऐसी मात्र 16 मशीनें ही मौजूद

admin
PicsArt 08 29 06.24.04

देहरादून। दून में तकनीकी रूप से दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई एडवांस शुरुआत की गई है, जो देशभर में कुछ चुनिंदा जगहों पर ही उपलब्ध है। यह तकनीकी देहरादून स्थित लक्ष्मी डेंटल में लॉन्च की गई है। जहां यह तकनीक दांत के एक्सरे तकनीक को पीछे छोड़ते हुए 2 डी एक्सरे के बाद अब 3डी एक्सरे किए जाएंगे, जिसे डेंटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सीबीसीटी अर्थात कोने बीम कंप्यूटर टोमोग्राफी यूनिट कहा जाता है। इस मौके पर देहरादून के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डा. महेश कुडिय़ाल एवं राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान उपस्थित थे।

PicsArt 08 29 06.24.51
इस अवसर पर रिस्पना पुल देहरादून के समीप स्थित लक्ष्मी डेंटल के सर्जन डा. नितिश कांबोज ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि इस तकनीक की अभी तक पूरे देश में सिर्फ 16 मशीनें हैं, जिनमें अपग्रेड वर्जन की यह पहली मशीन है, जो लक्ष्मी डेंटल के पास उपलब्ध है। इस मशीन को इटली से आयात किया गया है।
सीबीसीटी तकनीक की खूबियां हुए डेंटल सर्जन डॉ. नितेश कांबोज ने बताया कि अपने मे अनेक खूबियों को समेटे यह मशीन दंत चिकित्सा के क्षेत्र में किसी वरदान से कम नहीं है। यह तकनीक सीटी स्कैन तकनीक से कई गुना बेहतर है, जो रेडिएशन के न्यूनतम इस्तेमाल के कारण स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ज्यादा लाभप्रद है। एमआरटी तकनीक (मोरोफॉलोजी रेकग्निशन टेक्नोलॉजी) अपडेट यह मशीन रेडिएशन की मात्रा को काफी कम कर उपयोग में लाती है, जिससे शरीर मे रेडिएशन का असर न में बराबर होता है। दन्त चिकित्सा में उपचार प्रक्रिया में दांत और जबड़े का सबसे ज्यादा संबंध होता है। इस मशीन से जबड़े एवं साइनस का पूरा 3डी एक्सरे प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही सीबीसीटी यूनिट में अनेक प्रकार के इमेज फिल्टर्स लगे होने के कारण मसूड़े की स्थिति का आंकलन भी किया जा सकता है। इससे यह भी पता लगाया जा सकता है कि मसूड़े एवं जबड़े की हड्डी में कोई सिस्ट तो विकसित नहीं हो रहा है, क्योंकि सिस्ट आगे चलकर मुह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण बनता है। सीबीसीटी तकनिकी से मानव के पूरे जबड़े का 3डी इमेज कंप्यूटर स्क्रीन पर उभर जाता है, जिससे जबड़े में दांत की कई गुना अधिक बेहतर स्थिति का पता चल सकता है। इस तकनीक से इलाज करते हुए प्रत्येक दांत के अनेक प्रकार के फोटो भी कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देते रहते हैं। जिससे जबड़े के हड्डी की स्थिति, वहां टीथ इम्प्लांट किये जाने की स्थिति में कमजोर अथवा मजबूत स्थिति का भी पता लगाने में यह तकनीक सक्षम है। इस तकनीकी का पेशंट को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उसे अपने मुँह के भीतर की मसूड़े के अंदर जबड़े की हड्डी में हो रहे किसी भी प्रकार के रोग की वास्तविक स्थिति का सम्पूर्ण जानकारी स्क्रीन पर मिल जाएगी।
इस मशीन से ओरल चिकित्सा के क्षेत्र में एयर वेज स्पेस एनालीसिस यानी गले मे सांस लेने की क्षमता का अनुमान लगाना भी संभव हुआ है, जिससे इंसान में स्लिप ऐपमियां नामक बीमारी का भी पता लगाया जा सकता है। इस बीमारी से इंसान कार्डिएक्स अरेस्ट इंसोमियाँ व हाईपरटेंसन सम्बन्धी रोगी बन सकता है।

20200829 112804
लक्ष्मी डेंटल लेजर इम्प्लांट सेंटर में उच्च तकनीक की माइक्रोस्कोप विधि द्वारा दांतो की सर्जरी व अन्य उवचार किये जाते हैं। इसमें लाइव स्क्रिमिंग कनेक्ट टेक्नोलॉजी द्वारा मरीज एवं उसके परिवार जान सम्पूर्ण चिकित्सा को ऑपरेशन थिएटर से बाहर लगे टीवी पर देख सकते हैं। इससे मरीज अपने मुंह के भीतर दांत एवं जबड़े की वास्तविक स्थिति को भी देखते रहता है।
डा. कांबोज ने बताया कि यह उत्तर भारत का पहला डेंटल सेंटर है, जहां पर फोटोना आल टिससु लेजर (लाइट वकार डीटी) द्वारा दांत, जबड़े की हड्डी व मसूड़े की सफल सर्जरी की जाती है।
हाल ही में लक्ष्मी डेंटल में डेन्टिनल ग्राफ्टिंग अर्थात दांत निकले जाने के पश्चात उसी दांत का उचित उपचार कर उसी स्थान पर पुन: प्लांट किया जाता है। यह तकनीक अपने आपमें अब तक की सबसे उत्कृष्ट विधि है, जिसमे प्राकृतिक दांत को बचा कर उसका पुन: उपयोग किया जा सकता है।

20200829 113252
इस मौके पर न्यूरोसर्जन डा. महेश कुडिय़ाल ने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए निश्चिततौर पर बड़े गर्व की बात है कि यहां ऐसी अत्याधुनिक तकनीकी की मशीन उपलब्ध है। अन्य डेंटल को भी लक्ष्मी डेंटल से नया सीखने को मिलेगा और यह मरीजों को बड़ा राहत पहुंचाने वाला साबित होगा।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने डेंटल सर्जन डा. नितिश कांबोज की सराहना करते हुए कहा कि लक्ष्मी डेंटल ने जो सराहनीय कदम उठाया है, वह आम जन को खूब पसंद आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी मरीज का ऑपरेशन चल रहा होगा तो वह कंप्यूटर स्क्रीन पर अपना ट्रीटमेंट देख रहा होगा। ऐसे में उन्हें पैसे खर्च करने की पूर्ण आत्म संतुष्टि रहेगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में डा. कांबोज जैसे बहुत कम लोग होंगे, जिन्होंने जनता की भलाई के लिए इतनी अत्याधुनिक मशीनें खरीदी हैं।

Next Post

बड़ी खबर : उत्तराखंड में आज corona के 658 पॉजीटिव मामले/ 11 मौतें/ बढ़ती जा रही है लोगों की चिंता

मुख्यधारा ब्यूरो देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि रोजाना मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं, किंतु स्वस्थ होने वालों की तुलना में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यही नहीं मौत […]
images 43

यह भी पढ़े