अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Biodiversity Day) पर कार्यशाला आयोजित, वन्य जीवों से खेती के नुकसान से बचने के उपाय ढूंढने पर फोकस
गोपेश्वर/मुख्यधारा
अलकनन्दा वन प्रभाग गोपेश्वर के वन चेतना केंद्र मीटिंग हॉल में गत दिवस 22 मई 2024 को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर निदेशक/वन संरक्षक, नन्दादेवी बायोस्फियर रिजर्व, गोपेश्वर की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें निदेशक/वन संरक्षक, नन्दादेवी बायोस्फियर रिजर्व गोपेश्वर, पंकज कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी बद्रीनाथ वन प्रभाग सर्वेश कुमार दुबे, उप प्रभागीय वनाधिकारी गोपेश्वर जुगल किशोर चौहान, उप प्रभागीय वनाधिकारी केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग गोपेश्वर मोहन सिंह, वन क्षेत्राधिकारी गोपेश्वर रेंज प्रदीप कुमार गौड़, वन क्षेत्राधिकारी बद्रीनाथ व अलकनन्दा एवं केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग गोपेश्वर, अलकनन्दा वन प्रभाग व बद्रीनाथ वन प्रभाग के कर्मचारियों तथा जैव विविधता समिति गिरसा के अध्यक्ष विजय प्रसाद, मासौं योगेन्द्र सिंह, उत्तरों सत्तीश कुमार ढौंडियाल, मरोड़ा कृपाल सिंह, सलियाणा जीत सिंह, सरपंच रीठिया वीरेन्द्र सिंह नेगी, सरपंच गोपेश्वर, सरपंच कटूड, सरपंच खल्ला, सरपंच क्षेत्रपाल, सरंपच सरतोली, सरपंच सिरोली, सरपंच बछेर, सरपंच रोपा, सरपंच नन्दप्रयाग, सरपंच घेस, सरपंच कुजौ मैकोट, सरपंच बौंली, सरपंच काणा, ग्राम प्रधान कुजौ मैकोट व सामाजिक कार्यकर्ता सुनीलनाथ बिष्ट एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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इस अवसर पर निदेशक/वन संरक्षक, नन्दादेवी बायोस्फियर रिजर्व, गोपेश्वर द्वारा जैव विविधता के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी, जिसमें सरपंच खल्ला गोविन्द सिंह बिष्ट द्वारा सुझाव दिया गया कि विभाग द्वारा चालखाल, जलकुण्ड/रास्तों का निर्माण किया जाए तथा बन्दरों व सुअरों के रोकथाम के उपाय किए जाएं।
सरंपच रीठिया विरेन्द्र सिंह द्वारा सुझाव दिया गया कि वनाग्निकाल में किसी भी कर्मचारी/फायर वाचर/जनमानस घायल/चोट लगने पर मुआवजे की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
सरपंच बौली राकेश चन्द्र मैठाणी द्वारा यह सुझाव दिया गया कि वनाग्नि काल से पहले से योजनायें कियान्वित होनी चाहिए तथा ग्रामीणों को भी फायर रैक एवं जूते, टॉर्च आदि संसाधन दिएं जाएं और समय से वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए।
सुनील नाथन बिष्ट द्वारा भी इस मौके पर अपने विचार रखे गये। कंचनी देवी ग्राम सिरोली ने अपने विचार रखते हुए कहा कि वन्य जीवों द्वारा उनकी खेती को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, वन्य जीवों को रोकने हेतु विभाग द्वारा उपाय किया जाए।