
पतंजलि संस्थान की ओर से मीडिया कोआर्डिनेटर विमल कुमार ने बताया कि संभवत: आचार्य बालकृष्ण को फूड प्वाइजनिंग के कारण गैस की समस्या हुई है। फिलहाल एम्स निदेशक प्रो. रविकांत की निगरानी में आचार्य बालकृष्ण का उपचार चल रहा है।
आचार्य बालकृष्ण को शाम करीब 4 बजे एंबुलेंस से एम्स लाया गया। भर्ती करने से पहले एम्स प्रशासन ने इमरजेंसी में पूरी तैयारियां कर ली थी। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत सहित चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ब्रहृमप्रकाश सहित दर्जन भर चिकित्सक मौके पर मौजूद रहे।
इस दौरान आचार्य बालकृष्ण की सुरक्षा में तैनात कमांडो और निजी सुरक्षा जवानों ने पूरे इमरजेंसी हॉल को अपने घेरे में ले लिया। इमरजेंसी में भर्ती करने के कुछ ही देर बाद आचार्य बालकृष्ण की एमआरआई जांच करवाई गई।
आचार्य बालकृष्ण अर्द्धचेतन अवस्था में यहां लाए गए थे। भर्ती करने के बाद उनकी तमाम जांचें करवाई गईं। भर्ती करने के दौरान उनका ब्लड प्रेशर कम था, जो फिलहाल सामान्य है। इसके अलावा ईसीजी, स्क्रीनिंग ईको, आरबीएस जांच करवाई गई। सभी जांच रिपोर्ट ठीक पाई गई है। ब्रेन का एमआरआई करवाया गया, जो सामान्य है।
-डॉ. ब्रह्मप्रकाश, चिकित्साधीक्षक, एम्स ऋषिकेश
यह कहना गलत है, कि ” पतंजलि पर विश्वास करनेवालों को लगा झटका ” । सर्व विदित है कि पतंजलि चिकित्सा पद्धति हमारी प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेदिक चिकित्सा रोग को निर्मूल करने की पद्धति है । आधुनिक चिकित्सा पद्धति का महत्व इससे कम नहीं हो जाता ।शल्यचिकित्सा व आपात्तरुग्ण अवस्था में त्वरित चिकित्सीय लाभ हेतुआधुनिक प्रचलित पद्धति ही आवश्यक है व कारगर है। योगगुरु स्वामी रामदेव भी इसका उल्लेख कर चुके हैं । इसलिए किसी के विश्वास पर प्रश्नचिह्न लगाना उचित नहीं है ।