पंडित गणेश जी ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, सूर्यग्रहण का असर न होने और सूतक काल न माने जाने की वजह से 10 जून के दिन पड़ने वाले अन्य दो त्योहार वट सावित्री और शनि जयंती को मनाने पर कोई रोक नहीं होगी। ये ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा।
इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में सबसे ज्यादा दिखेगा। ये एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, लेकिन उसका आकार पृथ्वी से देखने पर इतना नजर नहीं आता कि वो सूर्य को पूरी तरह ढक सके, तो ऐसी स्थिति को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।
किस समय और कहां सूर्यग्रहण दिखाई देगा
सूर्यग्रहण 10 जून को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और शाम को 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। ये ग्रहण कुल मिलाकर 5 घंटे का होगा। इसे ग्रीनलैंड, यूरोप, कनाडा, एशिया, उत्तरी अमेरिका और रूस में देखा जा सकेगा। भारत में यह आंशिक सूर्यग्रहण होगा। जिसके कारण देश में सूतक काल मान्य नहीं होगा।