दिल्ली (Delhi) में आज मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव, बहुमत में आप का पलड़ा भारी, जानिए वोटिंग की प्रक्रिया और कार्यकाल
मुख्यधारा डेस्क
राजधानी दिल्ली में एमसीडी के लिए आज मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समति के लिए छह सदस्यों का चुनाव होना है। मेयर प्रत्याशी को लेकर दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पूरे जोश में है। वहीं बहुमत न होने के बावजूद भाजपा ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। इस बीच कांग्रेस ने मेयर चुनाव में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
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दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली की लोगों ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया है। जनता का सम्मान करते हुए हम मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति का चुनाव नहीं लड़ेंगे। सबसे पहले 250 पार्षदों की शपथ होगी। इसके बाद से ही मतपत्र के जरिए एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी जो सुबह 11 बजे से होगी। सिविक सेंटर की चौथी मंजिल पर सदन परिसर में अधिकारियों, पार्षदों, सांसद और विधायक सहित 300 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। किसी भी पार्टी के पार्षद समर्थकों को परिसर में अंदर आने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा पहली बार होगा जब एकीकृत नगर निगम के कुल 250 चुने हुए पार्षद एक साथ हाउस में बैठे होंगे।
इससे पहले उत्तरी व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की बैठक इसी सदन परिसर में होती थी और तब वार्ड पार्षदों की संख्या दोनों निगमों में अलग-अलग 104 थी। आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद की प्रत्याशी शैली ओबरॉय हैं और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रेखा गुप्ता हैं। ऐसे ही आम आदमी पार्टी की ओर से डिप्टी मेयर के उम्मीदवार मोहम्मद इकबाल और भाजपा की ओर से कमल बागड़ी हैं।
दिल्ली नगर निगम में प्रथम नागरिक यानी मेयर बनने के लिए 138 वोट चाहिए। बीजेपी को इस चुनाव में महज 104 वार्ड पर जीत मिली थी। सभी निर्वाचित 250 पार्षद दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 14 मनोनीत विधायक मेयर के चुनाव में वोट करेंगे।
आम आदमी पार्टी के 134 जीते हुए पार्षदों के साथ मेयर पद के लिए उम्मीदवार शैली ओबरॉय की जीत पक्की मानी जा रही है। इसके पीछे आम आदमी पार्टी का बहुमत का नंबर है। 138 वोट पाने वाला उम्मीदवार 1 साल के लिए दिल्ली का मेयर बन जाता है, लेकिन इस बार चुनी जाने वाली मेयर का कार्यकाल केवल 3 महीने के लिए है। दिल्ली नगर निगम के एक्ट के मुताबिक मेयर का कार्यकाल हर साल 1 अप्रैल से शुरू माना जाएगा।