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benefits of colocasia leaves: अरबी के पत्तों में छुपा है पोषण का भंडार

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benefits of colocasia leaves

benefits of colocasia leaves : अरबी के पत्तों में छुपा है पोषण का भंडार

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डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

benefits of colocasia leaves: शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए लोग आमतौर पर बाजार में उपलब्ध विटामिन्स का सहारा लेते हैं, लेकिन यदि हम अपने आस-पास ध्यान दें तो हमें पता चलेगा कि दैनिक आवश्यकता के लगभग सभी पोषक तत्व हम कई सामान्य वनस्पतियों से ले सकते है। भारत में ऐसे बहुत सारे पौधे पाए जाते हैं जिनके कंद, पत्ते, जड़ भी खाए जाते है, इन्हीं में से एक है अरबी।

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अरबी एक ऐसा पौधा है जिसके हर भाग को खाया जा सकता है। अरबी का वैज्ञानिक नाम कोलोकेसिया एस्क्युलेंटा है। आमतौर पर इसकी खेती इसके कंद के लिए की जाती है, जिसका प्रयोग सब्जी बनाने में किया जाता है।

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अरबी के पत्तों को कोलोकेसिया लीव्स या टारो लीव्स के नाम से भी जाना जाता है।अरबी की तासीर ठण्डी होती है। इसमें भरपूर मात्रा में स्टार्च (benefits of colocasia leaves) पाया जाता है और इसके पत्ते पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन पत्तों से अनेक स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं।

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अरबी का कंद कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है। इसके कंदो में स्टार्च की मात्रा आलू तथा शकरकंद से कहीं अधिक होती है।इसकी पत्तियों में विटामिन ए खनिज लवण जैसे फास्फोरस, कैल्शियम व आयरन और बीटा कैरोटिन पाया जाता है। इसके प्रति 100 ग्राम में 112 किलो कैलोरी ऊर्जा, 26.46 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 43 मिली ग्राम कैल्शियम, 591 मिली ग्राम पोटेशियम पाया जाता है।

इमरजेंसी 112 नंबर 

अरबी की फसल को गर्म तथा नम जलवायु और 21 से 27 डिग्री सेल्सियस तापक्रम की आवश्यकता होती हैं। अधिक गर्म व अधिक सूखा मौसम इसकी पैदावार पर विपरीत प्रभाव डालता हैं। जहां पाले की समस्या होती हैं, वहां यह फसल अच्छी पैदावार नहीं देती हैं।

जिन स्थानों पर औसत वार्षिक वर्षा 800 से 1000 मिलीमीटर तथा समान रूप से वितरित होती हैं, वहाँ इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती हैं। छायादार स्थान में भी पैदावार अच्छी होती हैं, इसलिए फलदार वृक्षों के साथ अन्तवर्तीय फसलों के रूप में अरबी उगाई जा सकती है। इसकी नर्म पत्तियों से साग तथा पकोड़े बनाये जाते है हरी पत्तियों को बेसन और मसाले के साथ रोल के रुप में भाप से पका कर खाया जाता है। पत्तियों के डंठल को टुकड़ों में काट तथा सुखा कर सब्जी के रुप में प्रयोग किया जाता है। अरबी के हरे पत्ते β-कैरोटीन, एस्कॉर्बिक एसिड, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, बी-विटामिन, विटामिन ए, β-साइटोस्टेरॉल और स्टेरॉयड जैसे खनिज और कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत (benefits of colocasia leaves) हैं।

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फसल के मौसम के दौरान, अरबी के पत्तों और डंठलों को तैयार किया जाता है। बाद में अनाज और सब्जियों के विकल्प के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है। अरबी के पत्तों में फ्लेवोनोइड्स, फाइटोकेमिकल्स और एंथोसायनिन होते हैं। अरबी के पत्ते फाइटोकेमिकल्स जैसे फेनोलिक यौगिक जैसे गैलिक एसिड, क्लोरोजेनिक, और कैटेचिन का भी अच्छा स्रोत (benefits of colocasia leaves) हैं। भारत में अरबी के पत्तों के औषधीय गुणों (benefits of colocasia leaves) पर बड़े पैमाने पर शोध किया गया है। अरबी के पौधे के कंद, पत्ते,डंठलों में विभिन्न औषधीय गुण होते हैं।

अरबी के पत्तों में फ़िनोलिक फ्लेवोनोइड वर्णक एंटीऑक्सिडेंट जैसे ष्-कैरोटीन औरक्रिप्टोक्सैंथिन, विटामिन ए के साथ होते हैं। एक सौ ग्राम ताज़ा अरबी के पत्तों में दैनिक आवश्यकता के लिए 4825 UI या 161% विटामिन ए पाया जाता है। अरबी के पत्‍तों में मौजूद थियोनिन नामक एमिनो एसिड की अच्‍छी मात्रा(benefits of colocasia leaves) होती है। यह कोलेजन और इलास्टिन के गठन में मदद करता है। स्वस्थ त्वचा और दृष्टि के लिए इन यौगिकों की आवश्यकता होती है। नमक के साथ अरबी के पत्तों के डंठल निकालने का उपयोग ग्रंथियों में सूजन ठीक करने के लिए किया जाता है।

अरबी फाइबर के बेहतरीन स्रोत आहारों में से एक है 100 ग्राम अरबी आहार फाइबर की दैनिक आवश्यकता का 4.1% या 11% प्रदान करती है। अरबी के पत्तों में फाइबर की उच्‍च मात्रा (benefits of colocasia leaves) होती है। इसलिए वे पाचन तंत्र में बहुत ही मदद करते हैं। इसमें मौजूद फाइबर मल की भारीता को बढ़ाता है और शौच को सामान्‍य करता है। इस प्रकार यह कुछ पाचन समस्‍याओं जैसे पेट का दर्द, आंतों की ऐंठन और कब्‍ज आदि को रोकता है। इसके अलावा यह पेट में होने वाले कोलन कैंसर की संभावना को भी कम करता है।

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आयरन अनिवार्य खनिजों में से एक है क्‍योंकि यह लाल रक्‍त कोशिकाओं के विकास में मदद करता है। लाल रक्‍त कोशिकाएं शरीर के अंगों में ऑक्‍सीजन परिवहन का कार्य करती हैं। जिन लोगों को खून की कमी होती हैं उनके लिए अरबी के पत्ते फायदेमंद (benefits of colocasia leaves) होते हैं। क्‍योंकि इसमें आयरन की उच्‍च मात्रा होती है। रोगी को नियमित रूप से अरबी के पत्तों का सेवन करना चाहिए। अरबी के पत्तों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है।

यह रक्तवाहिकाओं के संकुचन और विश्राम को नियंत्रित करता है। यदि परिसंचरण तंत्र अच्‍छी तरह से चलता है तो रक्‍तचाप को सामान्‍य स्‍तर पर नियंत्रित किया जा सकता है। इस तरह अरबी के उपयोग से आप उच्‍च रक्‍तचाप के दुषप्रभावों को कम कर सकते है। क्‍योंकि यह न केवल प्रचूर मात्रा में आयरन उपलब्‍ध कराता है बल्कि थकान, कमजोरी जैसे अन्‍य लक्षणों को भी रोकने में भी सहायता प्रदान करता है।

इसमे कुछ महत्वपूर्ण खनिजों जैसे जस्ता, कैल्शियम, मैग्नीशियम, तांबा, लोहा और मैंगनीज की प्रचूर मात्रा पाई जाती है। ताजे और पके हुए अरबी के पत्तों का सेवन कैंसर के प्रभाव (benefits of colocasia leaves) को कम कर सकता है। ऐसा उनमें मौजूद विटामिन सी की अच्‍छी उपस्थिति के कारण होता है। विटामिन सी एक सुरक्षात्‍मक और शक्तिशाली एंटीऑक्‍सीडेंट है जो सामान्‍य बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी और कुछ प्रकार के कैंसरों को रोक सकता है। हड्डियों और जोड़ों के उचित विकास के लिए भी विटामिन सी आवश्‍यक होता है। यह शरीर के समग्र स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के साथ ही प्रतिरक्षा तंत्र को भी बढ़ाता है।

विटामिन ए आंखों के साथ साथ समग्र स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इस तरह से अरबी के पत्तों में विटामिन ए की मौजूदगी इसे हमारी आंखों के लिए बहुत प्रभावी औषधीय-पौष्टिक खाद्य पदार्थ बना देती है। नियमित रूप से अरबी के पत्तों का उपभोग करने पर यह मायोपिया, अंधापन और मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्‍याओं को रोकने में सहायक होती है।

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अरबी के पत्तों में एमिनो एसिड की अच्छी मात्रा होती है। एमिनो एसिड पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने में मदद करते हैं। अरबी के पत्तों में वसा की मात्रा (benefits of colocasia leaves) बहुत ही कम होती है और प्रोटीन की मात्रा उच्च होती है।

इस तरह से अरबी के पत्तों का नियमित रूप से प्रयोग करने से आप अपने वजन को कम कर सकते हैं। अरबी में फोलेट एसिड की उच्‍च मात्रा होती है। यह भ्रूण, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए आवश्‍यक होता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि अरबी के पत्तों का सेवन करने से पहले इन्‍हें अच्छी तरह से पका लेना चाहिए।

अरबी की कम लोकप्रियता का एक कारण यह है कि इसमें कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल जैसे पोषण विरोधी कारक होते हैं जो खाना पकाने के दौरान ठीक से संसाधित नहीं होने पर जलन पैदा करेंगे। भारत में जन-जन के लिए पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने की दृष्टिसे विभिन्न पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर अरबी (benefits of colocasia leaves) के उपयोग को लेकर व्यापक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। रायता हम उत्तराखंड वालों का सबसे पसंदीदा व्यजंन रहा है।

आदिकाल से ही , पहाड़ी लोग रायते के शौकीन रहे हैं। विशेष कर उत्तराखंड के कुमाउनी क्षेत्र के लोग रायते के बहुत शौकीन होते हैं।पहले हम मेला केवल रायता और आलू गुटुक खाने जाते थे ,पहले मेलों में चाट, विभिन्न प्रकार का रायता, आलू के गुटके, दही जलेबी , रायता पकोड़ा, भांग की चटनी और पकोड़ा।

विभिन्न प्रकार के रायते में, पहाड़ी ककड़ी का रायता, पहाड़ी मूली का रायता,  पिनोउ का रायता (अरबी का रायता ) ये सभी पारम्परिक पकवान पहले मेलों के आकर्षण होते थे। अच्छी मार्केटिंग की जाए तो अरबी को निश्चित रूप से लोकप्रिय बनाया जा सकता है।

(लेखक दून विश्वविद्यालय में कार्यरत है )

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