ब्रेकिंग: एससीओ समिट में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के विदेश मत्री बिलावल भुट्टो जरदारी(Bilawal Bhutto Zardari) गोवा पहुंचे, कहा- यहां आकर खुश हूं
दो दिवसीय बैठक आज से
मुख्यधारा डेस्क
एससीओ की विदेश मंत्री स्तर की दो दिवसीय बैठक आज से गोवा में शुरू हो रही है। बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गुरुवार दोपहर को भारत पहुंचे।
गोवा में लैंड होने के बाद उन्होंने बताया कि वह यहां आकर खुश हूं। वह यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में भाग लेने आए हैं। चूंकि, इस मीटिंग में चीन और रूस के विदेश मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान इस बैठक को दरकिनार नहीं कर सकता है। वह भी तब जब समूचा मुल्क आर्थिक मोर्चे पर खराब माली हालत से जूझ रहा है। समझा जा सकता है कि उसे रूस-चीन सरीखे मुल्कों की जरूरत है। अपने आगमन से पहले भुट्टो ने ट्वीट किया था, “गोवा, भारत के रास्ते में हूं। शंघाई सहयोग संगठन की सीएफएम में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की नुमाइंदगी करूंगा।
इस बैठक में शिरकत करने का मेरा फैसला एससीओ के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मेरी यात्रा के दौरान, जो विशेष रूप से एससीओ पर केंद्रित है, मैं मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा की उम्मीद करता हूं।”
दरअसल, साल 2011 के बाद से पड़ोसी देश से भारत की पहली ऐसी उच्च स्तरीय यात्रा है। भुट्टो 2011 के बाद से भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। उनसे पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी।
भारत के लिए एससीओ का महत्व बहुत है। इसमें भारत को दक्षिण एशिया में स्थान देने के साथ-साथ अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने का मौका भी मिलता है। भारत एससीओ संगठन के देशों में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में उभरा है। इस संगठन में चीन और रूस प्रमुख देश हैं।
इस संगठन को नाटो के विकल्प के तौर पर भी देखा जाता है। ऐसे में एससीओ का सदस्य होते हुए भी भारत चार देशों के संगठन क्वाड का भी सदस्य है। इस बैठक की अध्यक्षता अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे।
एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन के विदेश मंत्री किन गांग, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शामिल होंगे। एससीओ सम्मेलन से अलग जयशंकर और बिलावल के बीच कोई वन टू वन मीटिंग होगी या नहीं इस पर भी खास नजर रहेगी।
एससीओ का मुख्य उद्देश्य संबंधित देशों के बीच सहयोग, अपराध और आतंकवाद से लड़ाई, बाहरी यात्रा और व्यापार को सुविधाजनक बनाना, राष्ट्रीय सुरक्षा में सहयोग, तकनीकी सहयोग और अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसी अनेक विषयों पर सहमति विकसित करना होता है। एससीओ समिट एक आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो दक्षिणी एशिया में स्थित देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
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इस संगठन का निर्माण 2001 में शंघाई में हुआ था और इसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कजाखस्तान, उजबेकिस्तान, तजाकिस्तान और किर्गिज़स्तान शामिल हैं।