देहरादून/मुख्यधारा
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की रात्रि कैबिनेट बैठक से अचानक बीच में छोड़ दिए जाने के बाद उनके इस्तीफा दिए जाने की खबरों ने प्रदेश में भूचाल खड़ा कर दिया था। इस मामले में पार्टी संगठन से लेकर हरक सिंह के करीबी नेताओं को डैमेज कंट्रोल में लगाया गया है।
इस बीच शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने गत देर रात्रि कैबिनेट बैठक को बीच में छोड़कर हरक सिंह रावत के चले जाने के मामले पर कहा कि तब तक बैठक लगभग पूरी हो चुकी थी और केवल सामान्य चर्चा चल रही थी। इसी दौरान हरक सिंह बोले कि मैंने अपने क्षेत्रवासियों से कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का वायदा किया था और यह अब भी पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे मंत्री पद का क्या फायदा और वह इसी बात पर उखड़ गए और बैठक से चले गए, लेकिन उनके इस्तीफे वाली कोई बात नहीं है।
इससे पहले मंत्री हरक सिंह के करीबी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी कहा था कि उनसे बात हो गई है और अब नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। काऊ ने कहा था कि हरक सिंह और उनके द्वारा इस्तीफे दिए जाने वाली खबरें निराधार हैं।
इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी यही कह रहे हैं कि नाराजगी और इस्तीफा देने वाली खबरें बिल्कुल गलत हैं और पार्टी में सब ठीक है।
बताया यह भी जा रहा है कि हरक सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद उनसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी फोन पर संपर्क किया गया और उन्हें मना लिया गया है। इसके अलावा हरक सिंह से दिल्ली से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी द्वारा भी संपर्क किया गया और उन्होंने हरक सिंह को आश्वासन दिया है कि आपकी मांगें पूरी की जाएंगी। हरक सिंह की मांगों में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज प्रमुख है।
बहरहाल, हरक सिंह रावत को मनाए जाने की विभिन्न स्रोतों से आ रही खबरों के बावजूद अभी वे मीडिया के सामने नहीं आए है। उनका इस मामले पर स्पष्टीकरण आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी और उनकी आगामी रणनीति की दिशा तय करेगी।
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