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पहल : रवाईं (Rawain) घाटी में विज्ञान एवं तकनीकी परिषद् उत्तराखंड के सौजन्य से चलाया जा रहा मशरूम (mushroom) प्रशिक्षण

admin
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पहल : रवाईं (Rawain) घाटी में विज्ञान एवं तकनीकी परिषद् उत्तराखंड के सौजन्य से चलाया जा रहा मशरूम प्रशिक्षण

पुरोला विकास खंड के नेत्री,स्वील,चन्देली गांव में सोमवार को दिया गया आस्टर मशरूम का प्रशिक्षण

स्वरोजगार के लिए महिलाओं को किया जा रहा है प्रशिक्षित

नीरज उत्तराखंडी/पुरोला

विकास खंड के ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान एवं तकनीकी परिषद उत्तराखंड के सौजन्य से समाज सेवी संस्था ग्रामीण महिला स्वास्थ्य चेतना एवं स्वरोजगार विकास समिति ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने को लेकर ऑस्टर मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दे रही है।

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सोमवार को पुरोला विकासखण्ड के नेत्री,स्वील व चन्देली एवं मंगलवार को रामासिरायीं के गुंदियाटगांवकी महिलाओं, युवाओं व बुजुर्गों को अपने घर से ही स्वरोजगार करने को लेकर मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण अभियान सुरु किया गया। प्रशिक्षण शिविर में नेत्री व आसपास के गांव चंदेरी व स्वील के करीब डेढ़ सौ से अधिक महिलाओं व ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

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ग्रामीण महिला स्वस्थ्य चेतना एवं स्वरोजगार विकास समिति द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में हमराही कल्याण समिति के मशरूम विशेषज्ञ मुकेश रावत व रीता रावत ने ग्रामीणों को आस्टर मशरूम का प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षक रीता रावत ने बताया कि वे बिना कैमिकल के आस्टर मशरूम का उत्पादन सिखा रहे हैं। इसके लिए भूसे को स्ट्रलाइज करने के लिए कैमिकल डालने के बजाए भूसे को उबालकर कर स्ट्रलाइज किया जाता है।

उन्होने बताया कि आस्टर मशरूम पहाड़ी गांवों में साल भर उगाया जा सकता है और इसके बैग एक ही दिन में तैयार किये जा सकते हैं। उन्होने बताया कि मशरूम ऐसा खाद्य पदार्थ हैं जो महिलाओं व बच्चों में कुपोषण व खून की कमी को दूर करता है। चूंकि यह बंद कमरों में उगाया जाता है, इसलिए इस पर मौसम व जंगली जानवरों का भी कोई खतरा नहीं होता।

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वंही ग्रामीण स्वास्थ्य चेतना एवं स्वरोजगार विकास समिति की सचिव कृष्णा बिजल्वाण ने जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र में पांच और शिविर लगेंगे जिसमें हजारों ग्रामीणों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षित स्वरोजगार से जोड़ने व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर दिया जा रहा है।
सचिव बिजलवाण ने इस प्रकार के प्रशिक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तराखण्ड स्टेट काॅउसिंल फाॅर साइन्स एण्ड टेक्नालोजी (UCOST) का आभार व्यक्त किया व प्रशिक्षण में नेत्री, स्वील, चंदेली, हुडोली, पाणी गाॅव, बेणायी, ठडूंग, बिन्न गदेरा, सौन्दाडी आदि गांवों से आये हुए प्रशिक्षणार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए महिलाओं से मशरूम उत्पादन से अपनी आर्थिकी ठीक करनें की अपील की।

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प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम प्रधान लक्ष्मी देवी,योगेश रावत सहित कविता,पवित्रा देवी,अहिल्या देवी,गोकुल चंद, विपिन, बंदना, कौशल्या देवी,सुमित्रा व अनसूया देवी आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

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