रामनगर में गरजे पत्रकार। सेमवाल को शीघ्र रिहा करने की मांग
रामनगर। राज्य के वरिष्ठ पत्रकार और पर्वतजन न्यूज पोर्टल के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल की गिरफ्तारी को लेकर रामनगर के पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्तााओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान तहसील परिसर में पत्रकारों ने महामहिम राज्यपाल महोदया, को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी, रामनगर के माध्यम से भेजा गया। जिसे उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति में तहसीलदार रामनगर को दिया गया।
ज्ञापन के माध्यम से पत्रकारों ने राज्यपाल से वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल के उत्पीडन रोकने उनको अविलंब रिहा करने व प्रेस की आजादी पर हमला करने के विरूद्व ठोस कानून बनाने की मांग की है।
इस दौरान पत्रकारों ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल को गलत और तथ्यहीन आधार पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। देहरादून से प्रकाशित पर्वतजन पत्रिका और न्यूज पोर्टल के संपादक, जनसरोकारों की पत्रकारिता करने वाले और उत्तराखंड वैब मीडिया एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल के ऊपर सोची- समझी साजिश के तहत रंगदारी जैसे झूठे और संगीन आरोप लगाए गए हैं। जिससे पूरी पत्रकार बिरादरी आहत है। जनहित के मुददे उठाने वाले पत्रकार का इस प्रकार उत्पीडन करना अन्यायपूर्ण है। यह जनपक्षीय पत्रकारिता के दमन का प्रयास है।
गौरतलब है कि राजधानी देहरादून में विगत 22 नवंबर को पर्वतजन पत्रिका एवं न्यूज़ पोर्टल के संपादक को सहसपुर पुलिस द्वारा नाटकीय रूप से उन्हें घर से गिरफ्तार कर जेल भेजने पर पुलिस पर सवालिया निशान उठ रहे हैं l जिसमें राज्यभर के पत्रकारों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। आरोप है कि पुलिस द्वारा नाटकीय रूप से गिरफ्तार करने के लिए उनके घर से सुबह 11:30 बजे उठाया गया और शाम को सहसपुर थाने में उनकी गिरफ््तारी दर्ज दिखाई गईl जिसमें पुलिस ने कहा कि पर्वतजन के संपादक खुद थाने सहसपुर में चलकर आए थे और पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गयाl इस पर कई तरह के पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं जो अनैतिक रूप से पुलिस की कार्रवाई एवं सरकार की मंशा पर सवाल इस षड्यंत्र के घेरे में हैंl
आज रामनगर में पत्रकारों ने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल से मांग की है कि इस मामले का संज्ञान लेकर पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार को र्निदेशित कर समुचित प्र्रयास किए जाएं। इसके साथ ही मांग की गई कि पत्रकारों से जुडे मामले के लिए एक स्वतंत्र जांच कमेटी बनाई जाए।
ज्ञापन देने वालों में राज्य आंदोलनकारी, वरिष्ठ पत्रकार, एड़वोकेट प्रभात ध्यानी, अनिल अग्रवाल खुलासा, इंद्र सिंह मनराल, संजय मैहता, गोपाल असनोडा, एडवोकेट मयंक मैनाली, गोपाल सिंह बिष्ट, पीसी जोशी, सैयद असिफ अली, अजीम खान, कैलाश सुयाल, नितेश जोशी, अमित बेलवाल, कुलदीप अग्रवाल, एडवोकेट मदन मोहन गौनियाल, एडवोकेट राजेश शर्मा, ललित उप्रेती, गोविन्द पाटनी, मोहम्मद उस्मान आदि सम्मिलित थे।