विवाह पंचमी (Vivah Panchami) : भारत के साथ नेपाल में भी भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का होता है आयोजन - Mukhyadhara

विवाह पंचमी (Vivah Panchami) : भारत के साथ नेपाल में भी भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का होता है आयोजन

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विवाह पंचमी आज (Vivah Panchami) : भारत के साथ नेपाल में भी भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का होता है आयोजन

मुख्यधारा

आज भारत के साथ नेपाल में भी विवाह पंचमी (Vivah Panchami) का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और माता सीता के विवाह से जुड़ा हुआ है। ‌

मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। यही वजह है कि इस दिन राम-सीता विवाह उत्सव मनाया जाता है।

भारत के साथ नेपाल में भी भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह का आयोजन धूमधाम से किया जाता है। ‌मान्यता है कि इस दिन जो कोई भी व्यक्ति मां सीता और प्रभु श्री राम का विवाह कराता है, उसके जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

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विवाह पंचमी (Vivah Panchami) के दिन न सिर्फ भगवान श्री राम और सीता का विवाह हुआ था बल्कि इसी दिन गोस्वामी तुलसी दास जी ने रामायण का अवधी संस्करण पूरा किया था। इस पर्व पर अयोध्या और नेपाल में विशेष आयोजन किया जाता है। इन जगहों पर भव्य रूप से विवाह पंचमी का उत्सव मनाया जाता है।

तुलसीदास जी ने रामचरिमानस लिखने का काम पूरा किया था। इसलिए इस तिथि पर श्रीराम-सीता की पूजा के साथ रामचरितमानस का पाठ और रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती है। इस तिथि को भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था।‌‌

राजा जनक ने सीता जी के विवाह के लिए स्वयंवर आयोजित किया था, जिसमें भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ उपस्थित हुए थे। उन्होंने शिव जी का धनुष तोड़ा और सीता जी को वरमाला पहनाई, फिर दोनों का विवाह संपन्न हुआ।

बता दें कि नेपाल के जनकपुर में मौजूद जानकी मंदिर भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इसी जगह राजा जनक ने शिव-धनुष के लिए तप किया था। यहां धनुषा नाम से विवाह मंडप भी है।

इसी में अगहन महीने की पंचमी पर राम-जानकी का विवाह किया जाता है। जनकपुरी से 14 किलोमीटर उत्तर धनुषा नाम जगह है।

मान्यता है कि श्रीराम ने इसी जगह पर शिव धनुष तोड़ा था। विवाह पंचमी (Vivah Panchami) के अवसर पर भगवान विष्णु को दूध में केसर मिलकार अर्पित करें और तुलसी के पत्ते और पंचामृत का भोग लगाएं। ऐसा करने से व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है। भगवान श्रीराम श्रीहरि विष्णु के ही अवतार थे।

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