- एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस की संयुक्त कार्यवाही संगठित गिरोह का पर्दाफाश
- राष्ट्रीयकृत बैक (सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया) के तीन बैंक अधिकारियों की 30.95 लाख की ठगी (fraud) के आरोप में गिरफ्तारी
देहरादून। आपको अक्सर साइबर अपराधियों द्वारा बैंक खाता उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी किए जाने के मामले सुनाई देते होंगे, किंतु जब बैंक अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा ही मिलीभगत कर उपभोक्ताओं को चूना लगाए जाने का वाकया सामने आने लगे तो फिर आपके पैरों तले जमीन खिसकनी स्वाभाविक है।
ऐसा ही एक प्रकरण साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के पास आया, जिसमें वादी अतुल कुमार शर्मा पुत्र स्व. रामस्वरूप शर्मा निवासी हर्रबटपुर थाना विकासनगर देहरादून ने शिकायत की कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनकी माता के संयुक्त बैंक खाता सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया में बिना माताजी की अनुमति के एसएमएस अलर्ट नंबर बदलकर खाते से 30.95 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकालने के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या 9/22 पंजीकृत किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर साइबर थाने से निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई।
अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए घटना में प्रयुक्त मोबाइल नम्बर, ई-मेल आईडी, ई-वालेट तथा बैंक खातों व सीसीटीवी फुटेज व भौतिक साक्ष्यों के विश्लेषण करने पर जानकारी जुटाई गई। इस दौरान संज्ञान में आया कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया के अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता की बिना अनुमति के धोखाधड़ीपूर्वक अपने खाताधारक के बैंक खाते से सम्बन्धित गोपनीय जानकारी में परिवर्तन कर नेट/मोबाईल बैंकिग के माध्यम शिकायतकर्ता की धनराशि से ऑनलाईन माध्यम से सोना खरीदकर उसको बेचकर लाभ अर्जित किया जा रहा था। जिसके उपरान्त थाना साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन को शिकायत प्राप्त होने साइबर थाने से विशेष टीम का गठन कर टीम द्वारा कंपनियों से प्राप्त विवरण का गहनता से विश्लेषण एवं अन्य तकनीकी रुप से साक्ष्य एकत्रित कर पुलिस टीम तत्काल दिल्ली, एनसीआर, उ0प्र0, हरियाणा रवाना हुई।
पुलिस टीम द्वारा घटना में संलिप्त सेन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया बैंक प्रबन्धक एक अभियुक्त को 23 मई 2022 को करोलबाग दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्त से पूछताछ पर उसने बताया कि उनके सहयोगी सेन्ट्रल बैंक के एएफओ मौ0 आजम व सेन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया के ही सहायक प्रबंधक कविश डंग के साथ मिलकर लम्बे समय से निष्क्रिय खातों की जानकारी कर उसके एसएमएस अलर्ट नम्बर को बदलकर नेट/मोबाइल बैंकिग के माध्यम से शिकायतकर्ता की धनराशि से ऑनलाईन माध्यम से सोना खरीदकर उसको बेचकर लाभ अर्जित कर अपराध करते थे और लाभ से प्राप्त धनराशि को आपस में बाँट लिया करते थे। जिस पर उक्त दोनों अभियुक्तों को सेलाकुई व विकासनगर देहरादून से गिफ्तार किय गया। अभियुक्तों से पूछताछ में कई अहम सुराग प्रकाश में आये हैं। जिसमें निकट भविष्य में गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की जाएगी।
अपराध का तरीका
अभियुक्तगण द्वारा प्रतिष्ठित बैंक शाखा सैन्ट्रल बैक आँफ इण्डिया के कर्मचारियों द्वारा लम्बे समय से Inactive खातों की जानकारी कर उसके SMS अलर्ट नम्बर को बदलकर नेट/मोबाईल बैंकिग के माध्यम शिकायतकर्ता की धनराशि से ऑनलाईन माध्यम से सोना खरीदकर उसको बेचकर लाभ अर्जित कर अपराध कारित करते थे और लाभ से प्राप्त धनराशि को आपस में बाँट लिया करते थे।
गिरफ्तार अभियुक्त
1- निश्चल राठौर (30) पुत्र नरेन्द्र पाल सिंह निवासी ग्राम शहबाजपुर पो0 जिनौरा थाना जिनौरा जनपद बदाँयू उत्तर प्रदेश हाल निवासी ईको विलेज 2 बी4 2003 ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश।
2- मौ0 आजम (27) पुत्र मौ0 यासीन निवासी इन्द्रा कालोनी थाना पन्तनगर जनपद ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड हाल निवासी संगम टेलीकॉम के पीछे मेन मार्केट सेलाकुई थाना सेलाकुई जनपद देहरादून।
3- कवीश डंग (30) पुत्र स्व0 कमल डंग निवासी मकान नं0 176 वार्ड नं0 9 28 फुटा रोड थाना विकासनगर जनपद देहरादून।
बरामदगी
1- लैपटॉप लिनोवा – 01
2- सैमसंग टैब – 01
3- मोबाईल फोन – 06
4- सिम कार्ड – 07
5- एटीएम कार्ड – 14
6- आधार कार्ड – 02
7- पासबुक – 05
8- चैक बुक – 03
9- आरसी/डीएल – 02
10- पेन कार्ड – 01
पुलिस टीम
1-निरीक्षक श्री त्रिभुवन रौतेला
2-उ0नि0 राजेश ध्यानी
3-उ0नि0 राहुल कापड़ी
4-का0 देवेन्द्र नेगी
4-Technical Team/ एसटीएफ
प्रभारी एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड ने जनता से अपील की है कि समय समय पर बैंक में भौतिक रुप से जाकर अपने खाते की जानकारी करते रहें व लम्बे समय तक अपने खाते को Inactive न रखें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन व साईबर हेल्पलाईन 1930 पर सम्पर्क करें।
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