सख्ती: SDM पुरोला ने निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी व कोताही बरतने पर अधिकारियों को लगाई कड़ी फटकार
नीरज उत्तराखंडी/मोरी
अगस्त 2019 में आपदा की भयावह आफत झेल चुका मोरी ब्लाक का आराकोट बंगाण क्षेत्र में देर से आए पर दुररस्त आए की तर्ज पर जब आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों का पुनः निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन आपदा की आड़ में अवैध कमाई का अवसर तलाशने वाले ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों के नापाक गठजोड़ की मिलीभगत से निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी किए जाने के आरोप भी लगते रहे हैं।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में किए जा रहे सड़क व बाढ़ सुरक्षात्मक पुनर्निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए निर्माण स्थलों में चल रहे घटिया गुणवत्ता के कार्य की वीडियो सोशल मीडिया में डालने व मीडिया खबर छपने तथा शासन प्रशासन से मामले की शिकायत की शिकायत करने बाद निर्माणदाई विभागों में हडकम्प मंच गया और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों ने मौके पर जाकर निर्माण कार्य को जेसीबी से तोड़कर पुन सही करने की बात भी सामने आई।
वहीं विगत मंगलवार को उपजिलाधिकारी पुरोला देवानन्द शर्मा के नेतृत्व में जाँच कमेटी ने आपदा ग्रस्त क्षेत्र आराकोट बंगाण में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच कर विभागीय अधिकारियों को कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने, निर्माण कार्यों में तेजी लाने तथा गलत कार्यो को तुरन्त तोड़ कर सुधारने का निर्देश दिये और निर्माणदाई विभागों के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी व कोताही बरतने पर कड़ी फटकार लगाई।
मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने उपजिलाधिकारी को क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करवाया एवं निर्माण कार्यों मे तेजी लाने एवं विभागीय अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर मन मर्ज़ी करने का आरोप लगाया गयाl जिस पर उपजिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया।
उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में जाँच टीम में लोक निर्माण विभाग, सिंचाई व पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता कनिष्ठ अभियंता एवं नायब तहसीलदार, राजस्व उप निरीक्षक सहित सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान , गणेश चौहान,रवि चौहान , घनश्याम चौहान, दीपक चौहान, कांता देवी, स्वत्रंत्रता देवी आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
किसानों व बागवानों की आय दो गुनी करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने वाले जिम्मेदार महकमे के जबाव देह अधिकारी ही पलीता लगाने को आमादा है। बागवानों की आय बढ़ाने के तमाम सरकारी योजनाओं को विभाग में उच्च पदों बैठे भ्रष्ट अधिकारी ही कोढ में खाज का काम कर रहे हैं।
उद्यान विभाग में उच्च पद पर बैठे भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ उद्यानपति बागवान व चिह्नित राज्य आंदोलनकारी सड़क से लेकर न्याय पालिका के दरवार तक संघर्षरत हैं लेकिन कथित भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे उद्यान निदेशक का बाल भी बांका नहीं हो रहा है, जो सरकार के जीरो टालरेंस की नीति पर भी सवालिया निशान लग रहा है तथा भ्रष्ट अधिकारी को सत्ता संरक्षण की संभावना से जोड़ कर देखा जाने लगा है।
बुधवार को जरमोला राजकीय उद्यान में हुए कथित भ्रष्टाचार अनियमितता व धांधली के विरोध उत्तराखंड राज्यआन्दोलनकारियों ने उद्यान विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध प्रदर्शन कर खोला मोर्चा खोल दिया है।
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के विकास खंड मोरी में स्थित राजकीय उद्यान एवं माली प्रशिक्षण केन्द्र जरमोला में पौधशाला एवं पौधशाला रोपण में हुए कथित भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के विरुद्ध क्षेत्र के उद्यान पतियों एवं काश्तकारों भी मोर्चा खोल चुके।
विगत शुक्रवार को जब तहसील प्रशासन की अगुवाई में जांच टीम क्षेत्र विधायक दुर्गेश्वर लाल के साथ जरमोला उद्यान पहुंची तो क्षेत्र के बागवानों ने उद्यान विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों विरूद्ध जमकर नारेबजी की और सांकेतिक धरना देकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। वहीं उचित कार्रवाई न किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
बागवानों ने जरमोला उद्यान के निकट उद्यान विभाग के गेट के समीप मोरी- पुरोला मोटर मार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन कर उद्यान विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी कर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। विधायक के आश्वासन पर बागवानों ने सांकेतिक धरना समाप्त किया था।
बतातें चलें कि विगत शनिवार विधायक दुर्गेश्वर लाल के राजकीय उद्यान जरमोला के औचक निरीक्षण किया तथा नर्सरी व पौध रोपण व उचित देखरेख में अनियमितता व भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जाने के बाद विभाग हरकत में आया । विभाग के उच्च अधिकारियों की टीम ने निरिक्षण कर जरमोला उद्यान में जम्मू कश्मीर की फर्म द्वारा कश्मीर से लाए गये सेब की नर्सरी व पौध शाला को मानकों के अनुरूप बताया।वहीं जांच से असंतुष्ट विधायक दुर्गेश्वर लाल शुक्रवार को तहसील प्रशासन व जांच टीम के साथ जरमोला पहुंचे।
राजकीय उद्यान एवं माली प्रशिक्षण केन्द्र जरमोला में निरीक्षण के दौरान विभाग ठेकेदार की लापरवाही व उदासीन ता साफ झलक रही थी
पौधों के न तो थाले बनें थे और नहीं पौधों की टहनियों की कोई कटाई छंटाई की गई है पौधे रोगग्रस्त पाये गये जिससे यह साफ झलक रहा था कि पौधों की उचित देखभाल दवा खाद में कोताही बरती गई है रोगग्रस्त पौधे हाथ लगाते ही उखड़ रहे थे। पोली हाऊस में नर्सरी व पौध की जगह घास उगी पाई गई। वहीं प्रशिक्षण केन्द्र में बना टालेट पिट व भवन क्षतिग्रस्त पाया गया जो निर्माण कार्य में की गई लापरवाही व निम्न गुणवत्ता के कार्य होने की हकीकत व्यां कर रहे थे।
आक्रोशित बागवानों ने मोरी पुरोला मोटर मार्ग धरना देकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर विभाग के निदेशक के विरुद्ध जमकर नारेबजी की। विधायक के समझाने पर मामले की मुख्य मंत्री व कृषि मंत्री से उच्च स्तरीय जांच करवाने के आश्वासन के बाद बागवानों ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन समाप्त किया।
जरमोला गांव में हुआ बड़ा भ्रष्टाचार : दुर्गेश्वर लाल
विधायक दुर्गेश्वर लाल ने विभागीय अधिकारियों की पूर्व की गई जांच को लीपा- पोती करार देकर जरमोला उद्यान में पहले ही लाखों रुपये के 45 हजार अखरोट प्लाट का वर्तमान में धरातल से गायब होना सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया। विधायक ने कहा कि 61.52 लाख के नर्सरी पौधा रोपण कार्य में विभाग के अधिकारियों एवं जम्मू-कश्मीर की कंपनी की मिली भगत से भारी गड़बड़ी कर लाखों रुपये डकार लिए जाने के गम्भीर आरोप लगाए हैं।
क्षेत्र विधायक दुर्गेश्वर लाल के औचक निरीक्षण व गम्भीर आरोप के बाद विभाग में हडकम्प मंच गया है।
विभागीय जांच में संयुक्त निदेशक की टीम ने अखबारों में छपी खबरों में यह बयान दिए कि जरमोला नर्सरी में मानकों के अनुरूप काम हुआ है, के बाद उप जिला अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम विधायक के साथ जरमोला पहुंचीं तो उद्यान में पौध की देखभाल सहित कई लापरवाही उजागर हुई। वही कांग्रेस ने भी प्रेस वार्ता कर जीरों टालरेंस पर कई सवाल खड़े किये।
वहीं आज बुधवार को चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संघ ने उद्यान विभाग में हुई अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच की मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन मोरी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में बुधवार को मोरी बाजार में जुलूस प्रदर्शन कर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर राज्य में लगी सभी नर्सरी के कार्यों की उच्चस्तरीय जांच कराने के साथ उद्यान निदेशक को पद से हटाने की मांग की है।
ज्ञापन देने वालों में विपिन चौहान, जयेन्द्र सिंह, दीपक सिंह जगदेव, प्रेमलाल, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।