संसद भवन के उदघाटन समारोह: गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी (PM Modi) का किया समर्थन तो सीएम नीतीश कुमार ने कहा-वहां जाकर क्या करूंगा
जेडीयू कल रखेगी उपवास
मुख्यधारा डेस्क
दिल्ली में संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन में अब सिर्फ आज का दिन बचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। वहीं संसद के उद्घाटन समारोह से विपक्ष की 21 राजनीतिक पार्टियां दूर रहेंगी।
संसद भवन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने विपक्षी पार्टियों पर प्रहार किया है।
गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी के संसद भवन के उद्घाटन को सही ठहराया है। पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने कहा कि अगर में दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर जाता। मैं सरकार को रिकॉर्ड टाइम में बनाने कि लिए बधाई देता हूं। विपक्ष भी सरकार को बधाई देती लेकिन वह बहिष्कार कर रहा है। मैं इस विवाद के खिलाफ हूं।
राष्ट्रपति भी कौन सा विपक्ष का है? वह भी भाजपा के सांसदों द्वारा चुने गए हैं। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर संसद की नई बिल्डिंग को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
नीतीश ने शनिवार को कहा- संसद भवन अलग से बनाने की क्या जरूरत थी। पुराने भवन को ही ठीक करवाना चाहिए था। मैं इसके खिलाफ हूं। कल के कार्यक्रम में मैं नहीं जाऊंगा। वहां जाने की कोई जरूरत नहीं है।नए संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में जेडीयू नेता रविवार को दिनभर उपवास करेंगे।
वहीं दूसरी शुक्रवार को नए संसद भवन का वीडियो जारी किया गया। वीडियो की शुरुआत एंट्री गेट से होती है। फिर गुंबद पर लगा अशोक चिन्ह और बाहरी दीवारें इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा का दृश्य नजर आता है। लोकसभा और राज्यसभा स्पीकर की सीट के पीछे विशाल अशोक चक्र है।
लोकसभा के कालीन पर मोरपंख की डिजाइन है। ऐसी ही प्रतीकात्मक डिजाइन सदस्यों के डेस्क पर बनी है। हर डेस्क पर स्क्रीन लगी हैं। नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है।
वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है। भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है। वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया। प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से बुलाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है। पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए।