आराम के तलबगारों के लिए पत्रकारिता (Journalism) में कोई गुंजाइश नहीं - Mukhyadhara

आराम के तलबगारों के लिए पत्रकारिता (Journalism) में कोई गुंजाइश नहीं

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देहरादून। पत्रकारिता (Journalism) में कामयाब होने के लिए सच के लिए किसी से भी टकराने के जज्बे और जुनून के साथ साथ 24 × 7 काम करने की हिम्मत जरूरी।

ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता (Journalism) और जनसंचार विभाग की 2014 बैच की छात्रा दीपिका भट्ट ने आज विभाग के एलुमिनाइ इंटरेक्शन कार्यक्रम को ऑनलाइन से संबोधित करते हुए यह बात कही।

ऑनलाइन न्यूज प्लेटफार्म इनशॉर्ट में सीनियर जर्नलिस्ट के रूप में कार्यरत दीपिका पीटीआई में भी काम कर चुकी है। पत्रकारिता (Journalism) और संचार विभाग के विद्यार्थियों के साथ अपने पत्रकारिता के अनुभवों को साझा करते हुए दीपिका ने कहा कि मीडिया में खबरें आने का सिलसिला कभी रुकता नहीं है। इस क्षेत्र में काम करने की चाहत रखने वालों को होली, दीपावली या अन्य त्योहारों के लिए छुट्टी का कोई ऑप्शन नहीं हो सकता। आराम की तलब रखने वालों के लिए इस प्रोफेशन में आगे बढ़ने की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। बिना आराम के काम करने की आदत डालनी होती है।

उन्होंने कहा कि आज इस क्षेत्र में मल्टीटास्किंग के साथ-साथ खुद को तकनीकों के साथ अपडेट रखने वाले लोगों की डिमांड है। आज पल-पल खबरों की स्पीड में फैक्ट चेकिंग एक चुनौती है। ऐसे में पत्रकार को सटीक और सच्ची खबरों से अपनी इमेज बनाने के लिए उसे रिसर्च ओरिएंटेड होना भी जरूरी है।दीपिका ने छात्र छात्राओं के प्रश्नों के जवाब भी दिए।

कार्यक्रम में ग्राफिक एरा के डायरेक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर व प्रोफेसर डॉ सुभाष गुप्ता, पत्रकारिता (Journalism) एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष विक्रम रौतेला,हिमानी बिंजोला, संदीप भट्ट, आकृति ढोंढियाल,विपुल तिवारी, विदुषी नेगी व राकेश ढोंढियाल भी उपस्थित रहे।

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