नीरज उत्तराखंडी/उत्तरकाशी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में बीते दिन गर्भवती महिला की आकस्मिक मृत्यु के सम्बंध में जिलाधिकारी (DM) अभिषेक रुहेला ने संज्ञान लेते हुए सीएमओ को आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे।
बुधवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केएस चौहान ने बताया कि गर्भवती महिला ललिता को उनके परिजनों द्वारा 2 अगस्त को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुरोला लाया गया। जिसके उपरांत वहाँ पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ0 किरन नेगी द्वारा गर्भवती महिला की जाँच की गई।
गर्भवती महिला का एक वर्ष पूर्व पहला बच्चा भी आपरेशन से हुआ था और एक वर्ष उपरांत ही महिला को पुनः दूसरा गर्भधारण हो गया। जिसकी प्रसव की सम्भावित तिथि 4 सितंबर को थी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/रेडियोलाॅजिस्ट डाॅ. आरसी आर्य द्वारा गर्भवती महिला के दूसरे अल्ट्रासाउण्ड के दौरान ही उनके परिजनों को हाॅयर सेंटर में डिलीवरी कराने का सुझाव दिया गया था।
स्त्री रोग विशेषज्ञ पुरोला के अनुसार इनकी वर्तमान डिलवरी केवल आपरेशन के माध्यम से ही संभव हो सकती थी, क्योंकि अभी डिलवरी के लिये दो माह शेष थे और एक वर्ष पूर्व बच्चेदानी में आपरेशन का घाव भी कमजोर थे।
उक्त के दृष्टिगत गर्भवती महिला को दून चिकित्सालय देहरादून के लिए रेफर किया गया। 108 एम्बुलेंस सेवा से दूरभाष के माध्यम से बात करने पर संज्ञान में आया कि वह दूसरे केस को लेकर गई है एवं 2 घण्टे उपरांत ही चिकित्सा इकाई पर पहुंचेगी। समय के अभाव के कारण गर्भवती महिला के परिजनों द्वारा स्वयं के वाहन से उन्हें पुरोला से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव लाया गया।
इस दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी पुरोला द्वारा प्रभारी चिकित्साधिकारी नौगांव को 108 एंबुलेंस तैयार रखने हेतु कहा गया। रास्ते में ही महिला की तबियत ज्यादा खराब होने के फलस्वरूप महिला को तत्काल सामु0स्वा0के0 नौगांव में भर्ती किया गया।
सामु0स्वा0के0 नौगांव में प्रभारी चिकित्साधिकारी महिला चिकित्सक एवं अन्य स्टाॅफ द्वारा गर्भवती महिला की जाँच की गई। जाँच के समय गर्भवती महिला शाॅक में थी जिस कारण उनका बीपी, पल्स आदि कुछ भी रिकार्ड नहीं हो रहा था। महिला के पेट की जाँच करने पर बच्चेदानी की फटने की संभावना प्रतीत हो रही थी एवं पेट स्पर्श करने पर बच्चे के अंग स्पष्ट महसूस किये जा रहे थे।
इसके उपरांत गर्भवती महिला को सभी आवश्यक जीवन रक्षक दवाइंया एवं ऑक्सीजन दी गई लेकिन सभी उपचार देने के बावजूद भी महिला की तबियत और बिगड़ती रही।
बच्चेदानी फटने की वजह से खून जमा होने के कारण पेट फूल गया और करीब प्रातः 4.50 बजे महिला को मृत घोषित कर दिया गया। तत्पश्चात पुलिस को सूचित कर, पंचनामा तैयार किया गया। पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम किया गया।पोस्टमार्टम में पाया गया कि बच्चेदानी उसी पुराने घाव से फटी थी,जो पहले किये गये आपरेशन की वजह से कमजोर थी।