देहरादून। राज्य मंत्री रेखा आर्य और आईएएस षणमुगम मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मंत्री ने एक वीडियो जारी कर सवाल उठाए हैं कि क्या एक आईएएस अधिकारी दूसरे आईएएस की जांच कर पाएंगे!
बताते चलें कि बीते 22 सितंबर को राज्यमंत्री रेखा आर्य ने अपने विभाग के अधिकारी आईएएस के लापता होने की बात कहकर पुलिस को पत्र दिया था कि उन्हें ढूंढा जाए। जिसके बाद प्रदेशभर में बवाल हो गया था।
इसके बाद आईएएस अधिकारी षणमुगम ने मुख्य सचिव को पत्र भेजा कि उनका विभाग बदल दिया जाए, वह इसमें नहीं रहना चाहते।
इस बीच जब मामला मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा तो उन्होंने इसकी जांच के आदेश दे दिए। आईएएस मनीषा पंवार को इसमें जांच अधिकारी बनाया गया है। बताया गया कि इसी बात को लेकर राज्यमंत्री ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक वीडियो में कहा है कि वह सीएम की ओर से इस जांच का स्वागत करते हैं, लेकिन यह जांच कितनी स्पष्ट और निष्पक्ष होगी, यह देखने वाली बात होगी। उन्होंने कहा है कि यदि वह जांच में दोषी पाई गई तो वह किसी भी दंड को भुगतने के लिए तैयार हैं, लेकिन यदि अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उन पर क्या कार्यवाही होगी या फिर कार्यवाही हो भी पाएगी या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।
बहरहाल, जीरो टोलरेंस सरकार की मंत्री होने के चलते उनके द्वारा उठाया गया सवाल काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यही नहीं प्रदेशभर के राजनैतिक गलियारों में भी इसको लेकर खूब चटखारे लिए जा रहे हैं। वहीं सरकार के समक्ष भी इस मामले में निष्पक्ष जांच और तत्पश्चात दंड निर्धारण किए जाने की भी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है, जिस पर प्रदेशवासियों की तिरछी नजर टिकी हुई है। अब देखना यह होगा कि किसकी बात में कितनी सच्चाई है और जो भी दोषी होगा, उस पर क्या कार्यवाही की जाती है!