Uttarakhand: मुख्य सचिव ने Pirul से निर्मित अन्य उत्पादों और उपयोगों के लिए मांगे सुझाव - Mukhyadhara

Uttarakhand: मुख्य सचिव ने Pirul से निर्मित अन्य उत्पादों और उपयोगों के लिए मांगे सुझाव

admin
dun 6

Uttarakhand: मुख्य सचिव ने पिरुल (Pirul) से निर्मित अन्य उत्पादों और उपयोगों के लिए मांगे सुझाव

देहरादून/मुख्यधारा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में पिरूल से आजीविका सृजन, वैकल्पिक ईंधन आदि के क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक विभिन्न उद्यमियों के साथ विचार विमर्श किया। मुख्य सचिव ने पिरूल से निर्मित अन्य उत्पादों और उपयोगों के लिए सुझाव भी मांगे।

यह भी पढ़े : उत्तराखंड के राशन विक्रेताओं के लिए अच्छी खबर, मिलेगा NFSA के अंर्तगत लाभांश का भुगतान

मुख्य सचिव ने वन विभाग को पिरूल कलेक्शन कर रहे स्वयं सहायता समूहों को नियमित भुगतान के लिए व्यवस्था सुनिश्चित किए जाते हुए एक कॉर्पस फंड बनाए जाने के निर्देश दिए, ताकि स्वयं सहायता समूहों के भुगतान में देरी न हो। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को शुरूआती सहायता प्रदान किए जाने हेतु पहले 5 सालों में उद्यमियों द्वारा दिए जाने वाले जीएसटी का 70 प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने के भी निर्देश दिए। साथ ही कहा कि इस दिशा में विभिन्न पर्वतीय प्रदेशों में प्रयोग हो रही बेस्ट प्रेक्टिसेज को भी प्रदेश में अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि वनों से जितना अधिक से अधिक पिरूल का निस्तारण हो सकेगा, वनों को आग से बचाने में कारगर साबित होगा।

यह भी पढ़े : ब्रेकिंग: ये रहे धामी कैबिनेट बैठक (Dhami cabinet meeting) के महत्वपूर्ण फैसले

मुख्य सचिव ने कहा कि पिरूल के ट्रांसपोर्टेशन में कोई समस्या न हो इसके लिए ई-रवन्ना जारी करते हुए इसकी ट्रांजिट फीस को न्यूनतम किया जाए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयं सहायता समूहों एवं लोगों की क्षमता निर्माण हेतु प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाने हेतु वन एवं उद्योग विभाग को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि ईंधन के रूप में प्रयोग होने वाले ब्रिकेट्स/पैलेट्स की मार्केटिंग आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ब्रिकेट्स बनाने हेतु आवश्यक ‘बाइंडिंग डस्ट’ के अन्य विकल्प तलाशे जाने हेतु वन विभाग को निर्देशित किया।

यह भी पढ़े : उत्तराखंड : गोल्डन कार्ड (Golden card) धारकों के लिए आई अच्छी खबर, अब इन्हें आयुर्वेदिक उपचार का भी मिलेगा लाभ: डॉ0 धन सिंह रावत

मुख्य सचिव ने कहा कि वनों से पिरूल का अधिक से अधिक निस्तारण हो सके इसके लिए इसके विभिन्न उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सीजन में पिरूल का अधिक से अधिक कलेक्शन हो सके इसके लिए पिरूल कलेक्शन में लगे स्वयं सहायता समूहों को ब्लोवर मशीनें भी उपलब्ध करायी जा सकती हैं। उन्होंने वन विभाग और एमएसएमई को इस दिशा में कार्य कर रहे उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराए जाने की बात कही।

यह भी पढ़े : ब्रेकिंग: Uttarakhand में गौवंश क्रूरता के अपराध में 62 मुकदमे दर्ज व 205 अभियुक्तों को भेजा गया जेल

इस अवसर पर पिरूल से विभिन्न उत्पादों को तैयार करने की दिशा में कार्य कर रहे विभिन्न उद्यमियों ने मुख्य सचिव के समक्ष अपने अपने सुझाव दिए और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान उद्यमियों ने उनके द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों को भी प्रदर्शित किया, जिनकी मुख्य सचिव द्वारा सराहना की गयी। उन्होंने रसोई (एलपीजी) गैस के विकल्प के रूप में पैलेट्स से चलने वाले चूल्हे की उपयोगिता के लिए सैम्पल लेकर प्रयोग किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ)  विनोद कुमार, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय,  विजय कुमार यादव एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू सहित पिरूल से सम्बन्धित विभिन्न उद्यमी उपस्थित थे।

यह भी पढ़े : Uttarakhand: 13 से 18 मार्च 2023 तक गैरसैंण में आयोजित होगा उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र (The budget session of the Uttarakhand)

 

Next Post

एक नजर: बेबाक टिप्पणियों के लिए जानी जाने वाली एक्ट्रेस Swara Bhaskar ने सपा नेता फहाद अहमद के साथ की शादी, सोशल मीडिया पर हुई ट्रोल

एक नजर: बेबाक टिप्पणियों के लिए जानी जाने वाली एक्ट्रेस स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) ने सपा नेता फहाद अहमद के साथ की शादी, सोशल मीडिया पर हुई ट्रोल स्वरा भास्कर ने सपा नेता फहाद अहमद के साथ की शादी, मुस्लिम […]
111

यह भी पढ़े