Header banner

सियासत: नए संसद भवन में सेंगोल को लेकर भाजपा-कांग्रेस (BJP-Congress) के बीच शुरू हुआ नया सियासी विवाद, विरोध में सपा भी कूदी

admin
s 1 16

सियासत: नए संसद भवन में सेंगोल को लेकर भाजपा-कांग्रेस (BJP-Congress) के बीच शुरू हुआ नया सियासी विवाद, विरोध में सपा भी कूदी

मुख्यधारा डेस्क

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर अब 2 दिन केवल शेष बचे हैं। ‌ भाजपा विपक्ष के बीच नई संसद की बिल्डिंग को लेकर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।सेंगोल (राजदंड‌) पर भाजपा के दावों को कांग्रेस ने झूठा करार दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि सेंगोल को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर आजादी के समय नेहरू को इसे सौंपा था।

इससे जुड़े सभी दावे गलत हैं। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नए संसद के उद्घाटन में सेंगोल की मौजूदगी को लेकर सबसे अलग प्रतिक्रिया दी है।

यह भी पढें : ब्रेकिंग: सीएम धामी के सख्त निर्देशों के बाद उत्तराखंड वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) की 455 हेक्टेयर क्षेत्र में हटाया गया अवैध अतिक्रमण

अखिलेश ने सेंगोल का साल 2024 के लोकसभा चुनाव से खास कनेक्शन बताया है। अखिलेश यादव ने दावा किया कि अगले साल लोकसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन हो जाएगा। पूर्व सीएम ने ट्वीट किया- सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है।

लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है।अखिलेश के अलावा सपा नेता और पूर्व काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी सेंगोल को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी , लोकतंत्र से हटकर राजतंत्र की ओर जा रही है।

सपा नेता ने लिखा-सेंगोल राजदंड, राजतंत्र का प्रतीक था। आज देश में लोकतंत्र है, लोकतंत्र में राजतंत्र के प्रतीक सेंगोल का क्या काम?’सपा नेता ने लिखा- ‘सेंगोल के प्रति भाजपा सरकार की दीवानगी इस बात का प्रमाण है कि इसको लोकतंत्र में विश्वास नहीं है इसलिए भाजपा लोकतंत्र से हटकर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है जो लोकतंत्र के लिये खतरे की घंटी है।

यह भी पढें : ब्रेकिंग: तेज बारिश (heavy rain) व अंधड़ के बीच सचिवालय में गिरा पेड़, कई वाहन क्षतिग्रस्त

उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेसियों ने सेंगोल को वॉकिंग स्टिक समझा और संग्रहालय में भेज दिया था। प्रधानमंत्री मोदी नई संसद के इनॉगरेशन के वक्त 75 रुपए का सिक्का भी जारी करेंगे।

जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा है- इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि नई संसद को वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से मिले ज्ञान से दूषित किया जा रहा है। बीजेपी-संघ बिना सबूत के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने कहा, सेंगोल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण बीजेपी का एक बार फिर से पर्दाफाश हो गया है। बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ‘सेंगोल’ प्राप्त किया था।

यह भी पढें : ब्रेकिंग: उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा बोर्ड (Uttarakhand Sanskrit Education Board) का परीक्षा परिणाम घोषित

‘सेंगोल’ का इस्तेमाल 14 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों से भारतीय हाथों में सत्ता हस्तांतरित करने के लिए किया गया था और इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राजेंद्र प्रसाद और कई अन्य लोगों की उपस्थिति में स्वीकार किया था।

राजेंद्र प्रसाद बाद में देश के पहले राष्ट्रपति बने थे। सेंगोल’ शब्द तमिल शब्द “सेम्मई” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “नीतिपरायणता”. ‘न्याय’ के प्रेक्षक के रूप में, अपनी अटल दृष्टि के साथ देखते हुए हाथ से उत्कीर्ण नंदी ‘सेंगोल’ के शीर्ष पर विराजमान हैं. ‘सेंगोल’ को ग्रहण करने वाले व्यक्ति को न्यायपूर्ण और निष्पक्ष रूप से शासन करने का ‘आदेश’ (तमिल में‘आणई’) होता है।

यह भी पढें : तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश (Rain) से मौसम हुआ सुहावना, किसानों की बढी चिंता

Next Post

Badrinath dhan: जिला कमाण्डेन्ट की मेहनत लायी रंग, होमगार्ड्स हैल्प डैस्क में तैनात होमगार्ड्स ने किया कमाल

Badrinath dhan: जिला कमाण्डेन्ट की मेहनत लायी रंग, होमगार्ड्स हैल्प डैस्क में तैनात होमगार्ड्स ने किया कमाल चमोली/मुख्यधारा देवनगरी जनपद चमोली में भगवान श्री बद्रीनाथ जी के दर्शन के लिए प्रतिदिन आ रहे देश-विदेश के श्रद्धालुओं, दिव्यांगजनों, असहाय, वृद्ध के […]
c 1 10

यह भी पढ़े