देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखंड में आज बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र विधायक संजीव आर्य ने आज नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस का हाथ थामने के बाद मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा भी दे दिया है। विधायक संजीव आर्य ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल को अपना इस्तीफा भेजा है, वहीं यशपाल आर्य ने राज्यपाल को इस्तीफा भेज दिया है।
बताते चलें कि यशपाल आर्य भाजपा सरकार में करीब पौने पांच वर्षों तक परिवहन, आबकारी व समाज कल्याण विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। हालांकि प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार में उनके पास महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी तो थी, किंतु वे कांग्रेस सरकार के समय जितने पावरफुल नहीं थे। वे अधिकांश समय गुमसुम रहकर अपना कार्य करते रहे। उनकी नाराजगी का खुलासा उस समय हुआ, जब उनके यमुना कालोनी स्थित उनके आवास पर सुबह-सुबह अचानक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंच गए। सीएम ने करीब एक घंटे तक यशपाल आर्य के साथ बंद करने में गुप्तगू की और उन्होंने एक ही टेबल पर नाश्ता भी किया। तब इस मुलाकात को महज शिष्टाचार भेंट बताकर मैनेज कर दिया गया, किंतु यशपाल आर्य उसके बाद भी खामोश रहे। हालांकि कांग्रेस तभी से दावा कर रही थी कि उनके संपर्क में भाजपा के कुछ मंत्री व विधायक हैं जो शीघ्र पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
आज यशपाल आर्य अपने पुत्र संजीव आर्य के साथ कांग्रेस भवन पहुंचे और पार्टी का दामन थाम लिया। इस प्रकार उनकी ये घरवापसी हुई। इसके साथ ही पिता-पुत्र से मंत्री व विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
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